शहडोल President Murmu: मध्य प्रदेश में स्वतंत्रता संग्राम के नायक बिरसा मुंडा का जन्मदिवस 15 नवंबर का दिन जनजातीय समाज के लिए वास्तविकता में गौरव दिवस बन गया जब सरकार ने प्रदेश में पंचायत उपबंध नियम 2022 लागू करके अनुसूचित क्षेत्रों की ग्रामसभाओं को अधिकार संपन्न बना दिया। शहडोल में आयोजित राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस सम्मेलन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में पेसा अधिनियम नियमावली की प्रथम प्रति सौंपी। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों के लिए बनाए गए नए नियम जनजातीय क्षेत्रों के सशक्तीकरण एवं जनजातीय वर्ग को उनके अधिकार दिलाने में प्रभावी साबित होंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि मध्य प्रदेश में जनजातीय वर्गों के कल्याण के लिए जिन प्रकल्पों को प्रारंभ किया गया है, वे सभी राष्ट्रीय महत्व के हैं। जनजातीय समाज का विकास पूरे देश के विकास से जुड़ा हुआ है। जनजातीय समाज एवं वंचित वर्गों के विकास और सशक्तीकरण में मध्य प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान है। मध्यप्रदेश में जनजातीय महापुरुषों की स्मृति को बनाए रखने और भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए सराहनीय प्रयास किए हैं। संपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम, मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान, बिरसा मुंडा स्व-रोजगार योजना, टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना, महिला उद्यमियों का सम्मान सभी जनजातीय सशक्तीकरण में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे। अटलजी को किया याद: उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने जनजातीय कार्य मंत्रालय का गठन कर इस वर्ग के कल्याण के लिए एतिहासिक योगदान दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अटल जी की सोच को आगे बढ़ाते हुए आज यह मंत्रालय जनजातीय वर्ग के समग्र कल्याण के कार्य कर रहा है।
ग्राम सभाएं सशक्त होंगी : राज्यपाल
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि आज से मध्यप्रदेश में लागू किए गए पेसा एक्ट के नए नियम लागू होने से ग्राम सभाएं बहुत अधिक शक्तिशाली हो जाएंगी। पेसा एक्ट के नए नियमों के अनुसार जल, जमीन और जंगल का प्रबंधन, छोटे-मोटे विवादों का निराकरण, स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण, विभिन्न् योजनाओं की मानिटरिंग आदि कार्य ग्राम सभा के हाथ में होंगे।
कोई गड़बड़ नहीं कर पाएगा : शिवराज
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पेसा एक्ट के नए नियमों के अनुसार हर साल पटवारी को गांव, जमीन का नक्शा, खसरा नकल, गांव में लाकर ग्राम सभा में दिखाने होंगे, जिससे रिकॉर्ड में कोई गड़बड़ी न कर सके। गड़बड़ी होने पर ग्राम सभा को उसे ठीक करने का अधिकार होगा। किसी योजना के लिए जमीन लेने के लिए ग्राम सभा की सहमति आवश्यक होगी। कोई भी व्यक्ति छल-कपट, मतांतरण आदि कर गांव वालों की जमीन नहीं हड़प पाएगा। यदि ऐसा होता है, तो ग्राम सभा को उसे वापस करवाने का अधिकार होगा। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।
राष्ट्रपति ने मध्य प्रदेश संपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना पुस्तिका का विमोचन भी किया। इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मु ने बिरसा मुंडा के चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित की। राज्यपाल ने राष्ट्रपति का वीरन माला और जनजातीय दुपट्टा पहना कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति जनजातीय पगड़ी पहना कर स्वागत किया और उन्हें भील पिथोरा चित्र कलाकृति भेंट की। राष्ट्रपति ने कार्यक्रम स्थल पर लगी जनजातीय नायकों की चित्र-प्रदर्शनी का अवलोकन किया। साथ ही महिला स्व-सहायता समूहों के विभिन्न् स्टाल पर उनके द्वारा तैयार किए गए उत्पाद देखे। प्रदेश की जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह मांडवे ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम में खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह, वन मंत्री कुंवर विजय शाह, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी, सांसद वीडी शर्मा सहित अन्य जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधि एवं नागरिक उपस्थित थे।
राष्ट्रपति शहडोल में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में पहुंचीं।
राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मु पहली बार शहडोल दौरे पर थी। वे बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई हैं
जबलपुर विमानतल पर स्वागत
इससे पहले जबलपुर विमानतल पर उनका स्वागत राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने किया। इसके बाद वह शहडोल के लिए रवाना हो गई। कार्यक्रम स्थल पर काफी पहले से लोगों का आना शुरू हो गया था।सरकारी अमला और सुरक्षा बल जगह तैनात किया गया । सभा स्थल से तीन किलोमीटर पहले से नाकाबंदी हो गई थी। बड़े वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया और सभा में लोगों को लेकर आने वाली बसों को दूर खड़ा किया गया।
कार्यक्रम स्थल पर 4.5 लाख वर्गफीट का विशाल टेंट बनाया गया
कार्यक्रम स्थल पर 4.5 लाख वर्गफीट का विशाल टेंट बनाया गया। प्रदेश के अन्य जिलों से कार्यक्रम स्थल पहुंचने के लिए 2500 बसों की व्यवस्था की गई । लोगों के लिए 8 बड़े डोम पंडाल भी बनाए गए । 2500 जवान तैनात रहे इनमें बम स्क्वॉड, एसपीजी और अन्य जिलों से आया हुआ पुलिस बल शामिल है। पार्किंग के लिए 10 स्थानों को सुरक्षित किया गया ।नेशनल हाईवे-43 शहडोल से अनूपपुर मार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन सुबह 11-00 बजे से बंद कर दिया गया है। वहीं, सवारी बसें और छोटे चार पहिया वाहनों का आवागमन राष्ट्रपति के आगमन से 30 मिनट पूर्व व प्रस्थान के 30 मिनट बाद तक के लिए बंद रहा।कार्यक्रम में राज्यपाल मंगू भाई पटेल, केंद्रीय मंत्री जनजाति कार्य मंत्रालय अर्जुन मुंडा, केंद्रीय राज्यमंत्री इस्पात एवं ग्रामीण विकास फग्गन सिंह कुलस्ते, मंत्री मीना सिंह मंडावे जनजाति कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण, वन मंत्री कुंवर विजय शाह, बिसाहूलाल सिंह मंत्री खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, मंत्री प्रेमसिंह पटेल पशुपालन तथा सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन, शहडोल सांसद हिमाद्रि सिंह मौजूद रही।सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए।