Shraddha Murder Case: श्रद्धा मर्डर केस में आफताब के खिलाफ अहम सबूत मिला है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फोरेंसिक जांच में पता चला है कि जंगल से मिली हड्डियां श्रद्धा की ही हैं। उनका DNA श्रद्धा के पिता से मैच हो गया है। अब पुलिस को रिपोर्ट्स का इंतजार है। स्पेशल CP (लॉ एंड ऑर्डर) सागर प्रीत हुड्डा ने कहा कि अभी तक DNA टेस्ट रिपोर्ट (पीड़ित के पार्ट्स की) नहीं मिली है।
इधर, श्रद्धा के पिता विकास वॉल्कर ने CBI जांच की मांग की है। एक न्यूज चैनल के साथ इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा- आफताब अभी भी पुलिस को गुमराह कर रहा है और इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। वो श्रद्धा को लगातार ब्लैकमेल करता रहा उसे डरा धमका कर रखता था। श्रद्धा को साफ शब्दों में कहता था कि वो उसे मार डालेगा।
आफताब का परिवार भी हत्या में शामिल
उन्होंने कहा- आफताब का परिवार भी इसमें शामिल है। आफताब के माता-पिता उसकी हरकतों के बारे में जानते थे। वो जानते थे कि आफताब श्रद्धा के साथ मारपीट करता है। उन्हें मुझे इस बात की जानकारी देनी चाहिए थी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने दावे के साथ कहा कि आफताब का परिवार भी इस हत्या में शामिल है।
पिता बोले- श्रद्धा मुझे कुछ नहीं बताती थी
पिता विकास ने कहा- वो मुझे कुछ नहीं बताती थी। श्रद्धा ये सारी बातें अपनी मां को बताती थी लेकिन उनकी मौत के बाद से श्रद्धा कि कोई खबर नहीं। मैं उससे पूछता था कि कैसी हो तो वो हर बार जवाब में कहती थी कि मैं ठीक हूं और यहां सब अच्छा है। अगर मुझे पता होता कि वो परेशान है या उसके साथ मारपीट की जा रही है तो मैं उसे अपने पास घर ले आता। मेरी पत्नी की मौत के बाद आफताब घर भी आता था। श्रद्धा की दर्ज शिकायत पर उन्होंने कहा कि, उसने जैसी आशंका जताई थी उसके साथ ठीक वैसा ही हुआ है।
18 मई को हुआ था श्रद्धा का मर्डर
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, 28 साल के आफताब ने 18 मई को 27 साल की श्रद्धा का मर्डर कर दिया था। दोनों लिव-इन में रहते थे। आफताब ने श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े किए थे। इन्हें रखने के लिए 300 लीटर का फ्रिज खरीदा था। वह 18 दिन तक रोज रात 2 बजे जंगल में शव के टुकड़े फेंकने जाता था।
12 नवंबर को हुई थी आफताब की गिरफ्तारी
वह हर रोज बॉडी पार्ट्स अलग-अलग जगह फेंकता था। पुलिस ने उसे 12 नवंबर को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि आफताब ने फ्लैट के बाथरूम में श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े किए थे। इस दौरान वह शॉवर चालू रखता था, ताकि बॉडी से निकला खून सीवेज में बह जाए। सूत्रों ने यह भी बताया है आफताब ने फ्रिज को केमिकल से साफ किया था, ताकि सबूत मिटाए जा सकें।
पिता को नहीं पता था कि बेटी कहां है,
श्रद्धा के पिता विकास को नहीं जानते थे कि उनकी बेटी कहां है। उन्होंने कहा था- ‘मेरी उससे आखिरी बार 2021 में बात हुई थी। तब मैंने उससे पूछा था कि तुम्हारा लिव-इन पार्टनर कैसा है। उसने ज्यादा कुछ नहीं बताया था। मुझे तो यह भी नहीं पता था कि वो दिल्ली शिफ्ट हो गई है। उसकी एक दोस्त ने बताया कि श्रद्धा बेंगलुरु में नहीं, बल्कि दिल्ली में है। आफताब को सबूत मिटाने के लिए बहुत वक्त मिल गया।
शक न हो इसलिए नौकरी पर जाता रहा, श्रद्धा का सोशल मीडिया एक्टिव रखा
आफताब गुरुग्राम में एक कंपनी में नौकरी करता था। श्रद्धा की हत्या करने के बाद भी वो रोज नौकरी पर जाता था, ताकि किसी को शक नहीं हो। हालांकि श्रद्धा को मारने के बाद अपने फ्लैट पर वो किसी को भी नहीं आने देता था। मर्डर के बाद फैमिली और फ्रेंड्स की नजरों में श्रद्धा को जिंदा दिखाने के लिए आफताब उसके इंस्टाग्राम प्रोफाइल और अकाउंट को अपडेट रखता था। वो रोज कुछ न कुछ पोस्ट करता रहता था।
क्राइम शो वेब सीरीज देखकर जुर्म छिपाने का आइडिया आया
एक पुलिस अफसर ने कहा- आफताब वेब सीरीज और खासतौर पर क्राइम शोज देखने का आदी था। इन्हीं को देखकर उसने यह सीखा कि कैसे श्रद्धा को फैमिली और फ्रेंड्स की नजरों में जिंदा दिखाया जाए। श्रद्धा के बॉडी पार्ट्स को आरी से काटकर फ्रिज में सुरक्षित रखने और उसे 18 दिन तक लगातार जंगलों में ठिकाने लगाने का आइडिया भी इन्हीं वेब सीरीज और क्राइम शोज से सीखा था। गूगल के जरिए उसने खून साफ करने का तरीका भी ढूंढ़ा था।
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