Tuesday, October 3, 2023

Hathras Gangrape Case: तीन आरोपी बरी, एक को इस मामले में उम्रकैद, हाथरस कांड में नहीं हुआ था रेप,

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Hathras Gangrape Case: हाथरस कांड में कोर्ट का फैसला आ गया है। कोर्ट ने हाथरस केस (hathras case) के चारों आरोपियों में से एक को दोषी ठहराया है, बाकी तीन को बरी कर दिया है। वहीं कोर्ट ने रेप के मामले में चारों आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने हाथरस कांड (hathras case) के एक आरोपी संदीप को धारा 3/110 SC-ST एक्ट और 304 ipc के तहत दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।

बता दें कि एससी/एसटी अदालत ने गुरुवार को हाथरस कांड (hathras case) में एक व्यक्ति संदीप को दोषी ठहराया और तीन अन्य को बरी कर दिया। कोर्ट ने चार आरोपी संदीप (20), रवि (35), लव कुश (23) और रामू (26) में से संदीप अपराध का दोषी माना है। वहीं हाथरस कांड (hathras case) में कोर्ट का फैसला आने के बाद बरी हुए लोगों के परिवारजनों में खुशी का माहौल है। बरी हुए लवकुश के परिजनों ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमें भगवान और न्यायालय पर पूरा भरोसा था। हाथरस कांड की पीड़िता पक्ष के वकील महिपाल सिंह कोर्ट का फैसला आने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि कोर्ट ने आरोपी संदीप पर एससी/एसटी एक्ट और आईपीसी की धारा 304 के तहत दोषी माना है। उधर फैसला आने के बाद पीड़िता के परिवार ने कहा कि वह अदालत के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। वह इस को लेकर हाई कोर्ट में अपील करेंगे।

क्या था हाथरस कांड

गौरतलब है पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के बूलगढ़ी गांव में सितंबर, 2020 में एक 19 वर्षीय दलित युवती के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था। इस मामले में गांव के चार युवकों को आरोपी बनाया गया था। पीड़िता को गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान घटना के 15 दिन बाद उसकी मौत हो गई थी। चार लड़कों पर आरोप था कि उन्होंने युवती की गला दबाकर हत्या करने की कोशिश की थी। इस मामले में युवती के भाई ने गांव के संदीप ठाकुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन बाद में युवती के बयान के आधार पर गांव के ही तीन अन्य युवक लवकुश सिंह, रामू सिंह और रवि सिंह को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया। इस घटना के बाद सियासी अबाल आ गया था। इसको लेकर बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुआ था। क्योंकि पुलिस ने बिना परिजन की सहमति के रात में ही जबरन युवती का अंतिम संस्कार कर दिया था।

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