Jaunpur News: सीएम योगी के सुशासन को ठेंगा दिखा रही जौनपुर पुलिस, रास्ते को लेकर चले लाठी-डंडे, 10 लोग घायल
Jaunpur News: योगी सरकार एक तरफ बेहतर सुशासन का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ पुलिस की लापरवाही के चलते दबंग गरीब परिवार पर कहर बरपा रहे हैं। जौनपुर जिले के सुजानगंज थाना क्षेत्र के बनवीर पुर गांव में गुरुवार को सुबह रास्ते के विवाद को लेकर आदतन अपराधी भावना सिंह ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर अनिल कुमार सिंह संजय प्रसाद सिंह सेवानिवृत्त पेशकार अवध राज सिंह के परिजनों को लाठी डंडे से जमकर पीटा। इसमें तकरीबन 10 लोग घायल बताए जा रहे हैं। मामला कई महीनों से रास्ते को रोके बैठे भावनाथ सिंह की दबंगई का है।
आपको बता दें कि भवनाथ सिंह एक आदतन अपराधी है, जिसे हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक हत्या के मामले में दंडित भी किया है। इस घटना में भावना सिंह ने अपने नाबालिग बच्चों को आगे कर वारदात को अंजाम दिलवाया और खुद पीछे-पीछे उनके साथ मारपीट में लगा रहा।
नसीर के घर को घेरने का मामला
यहां एक मुस्लिम नसीर अहमद के परिजनों का रास्ता रोके जाने का विवाद पिछले कई महीनों से थाने में पड़ा हुआ है। पुलिस चक्कर लगाकर खानापूर्ति तो करती है, मगर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ सन्नाटा ही वह दिखाई देता है। दबंगों ने कांटे का ढेर लगाकर और बाड़ बनाकर घर को घेर दिया है। उनको घर से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। और इन्हें न तो कोई दवाई या पानी देने की सुविधा है। गांव का कोई भी व्यक्ति अगर इनके घर जाता है तो यह दबंग उससे कारण पूछते हैं। और जरूरत पड़ी तो उसके साथ भी मारपीट करते हैं। मारपीट करने वालों में कुशल और अंकित, धर्मेंद्र सिंह सुषमा, जूनियर, नीता सिंह एवं बिट्टू यह सभी लोग एकराय हो कर इस वारदात को अंजाम दिए हैं। इन सब में इनके बेटे धर्मेंद्र भी शामिल है। और परोक्ष रूप से इनको बालेंद्र सिंह भी सपोर्ट कर रहे हैं।
4 माह के बच्चे को दूध देने गई,तो दबंगों ने पीटा
आलम यह है कि गांव का कोई भी व्यक्ति वहां जा नहीं पा रहा है, जबकि नसीर के घर में उनके पोते की 4 माह की उम्र है। उसे दूध तक नहीं मिल पा रहा है। यही दूध पहुंचाने के लिए प्रमिला सिंह पत्नी अनिल कुमार सिंह गुरुवार की सुबह नसीर के घर जा रही थी। इसी दौरान जूनियर ने उनका रास्ता रोक लिया, और उनकी बेटी बिट्टू ने उन पर हमला कर दिया। अचानक हमले के बाद वह चिल्लाई तो उनके पति अनिल कुमार सिंह दौड़े और भावनाथ सिंह ने अनिल कुमार सिंह पर डंडे से हमला करके उन्हें घायल कर दिया। इसके बाद कुशल ने भी उनको डंडे से पीटा। अनिल सिंह की आवाज सुनकर वहां पहुंचे संजय प्रसाद सिंह को भी इन लोगों ने लाठी डंडे से पीटा। जब संजय सिंह की आवाज सुनाई दी। तो उधर से पेशकार साहब भी दौड़ पड़े। उनको भी इन लोगों ने नहीं बख्शा सरकारी अधिकारी को इन लोगों ने बेरहमी से पीटा इसके बाद बाकी जो लोग भी आए उनके साथ उन सभी को भी पीटा।
बुजुर्ग प्रमोद सिंह को भी इन लोगों ने जमीन पर पटक पटक कर मारा है। वह भी घायल बताए जा रहे हैं। घायलों में सबसे ज्यादा चोट अनिल कुमार सिंह को लगी है। और यह सभी आदतन अपराधी लगातार कानून को ठेंगा दिखाकर योगी के सुशासन की मठिया पलीत कर रहे हैं। जौनपुर थाने की पुलिस तमाशबीन बनी बैठी है। सवाल तो यह उठता है कि आखिर किस बिल में छिपे हैं लोकतंत्र में समानता का अधिकार और समानता की बात करने वाले तथाकथित लोग। ऐसी घटनाएं न तो शासन के लिए अच्छी हैं और न ही प्रशासन के लिए। देखने वाली बात यह होगी कि अब इस पर सुजानगंज थाने की पुलिस क्या कार्रवाई करती है?