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Nitish Kumar: तुष्टिकरण की नीति पर बिहार सरकार, हिंदू त्योहारों की छुट्टियों को कम कर ईद-बकरीद पर 3 दिन अवकाश

Nitish Kumar: आरक्षण के बाद राज्य सरकारें अब त्योहारों पर होने वाली छुट्टियों को लेकर सियासत शुरू कर दी है। जातीय जनगणना के बाद बिहार सरकार ने हिंदू त्योहारों की छुट्टियों को रद्द कर मुस्लिम त्योहारों की छुट्टियों को बढ़ाकर नई बहस को छेड़ दिया है। बता दें कि बिहार सरकार ने हिन्दू तीज त्योहारों पर होने वाली छुट्टियों को या तो रद्द कर दिया या फिर उसके दिनों की संख्या को कम कर दिया है। वहीं मुस्लिमों के त्योहारों पर होने वाली छुट्टियों को बढ़ा दिया है। बिहार के शिक्षा विभाग की तरफ से जारी एकेडमिक कैलेंडर के बाद छुट्टियों को लेकर सियासत शुरू हो गई है। हिंदू त्योहारों की छुट्टियों को कैंसिल किए जाने पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया है।

बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि बिहार सरकार एक बार फिर तुष्टिकरण का खेल खेलने लगी है। हिन्दू पर्व-त्योहारों जैसे जन्माष्टमी, रामनवमी, रक्षा बंधन और शिवरात्रि की छुट्टियों को रद्द कर तुष्टिकरण का गंदा खेल खेला है। हिन्दुओं को जातियों में बांटने के बाद नीतीश कुमार अब अल्पसंख्यकों के लिए तुष्टिकरण की नीति पर काम शुरू कर दिया है। वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार सरकार के शिक्षा विभाग की तरफ से जारी एकेडमिक कैलेंडर को इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ बिहार बताया है।

उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि नीतीश कुमार और लालू सरकार ने स्कूलों में मुस्लिम त्योहार की छुट्टी बढ़ाई, हिन्दू त्योहारों में छुट्टी खत्म। उन्होंने कहा कि ईद मुहर्रम की छुट्टियां बढ़ा दी गई हैं। सरकार का यह फैसला भी गजवा-ए-हिन्द का एक हिस्सा है। इसी तरह अश्वनि कुमार चौबे ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तुष्टिकरण के सरदार-बिहार के कुर्सी कुमार कहा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि एक बार फिर चाचा-भतीजे की सरकार का हिंदू विरोधी चेहरा सामने आया है। उन्होंने आगे कहा कि बिहार सरकार में एक तरफ जहां स्कूलों में मुस्लिम पर्व की छुट्टी बढ़ाई गई हैं, वहीं हिन्दू त्योहारों में छुट्टियां खत्म की जा रही हैं। इसके अलावा उन्होंने लिखा है कि वोटबैंक के लिए सनातन से घृणा करने वाली सरकार को लानत है। गौरतलब है कि बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने वर्ष 2024 का एकेडमिक कैलेंडर जारी किया है। सरकारी विद्यालयों का संचालन इसी कैलेंडर के मुताबिक किया जाना है।

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