कोर्ट ने सुनाई 5 साल की सजा, बैंक मैनेजर ने पर्सनल लोन अप्रूव करने के लिए मांगी रिश्वत, CBI ने रंगे हाथों दबोचा
लखनऊ: पर्सनल लोन स्वीकृत करने के एवज में 9,500 रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार पूर्व बैंक प्रबंधक मनोरंजन कार्तिक को दोषी ठहराते हुए कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 20 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। यह आदेश सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने दिया। कोर्ट में सीबीआई की ओर से बताया गया कि मनोरंजन कार्तिक ने बहराइच में इलाहाबाद बैंक में प्रबंधक के पद पर तैनाती के दौरान घूस ली थी। 3.5 लाख रुपये का पर्सनल लोन स्वीकृत करने के एवज में मनोरंजन कार्तिक ने 10 हजार रुपये की मांग की थी। इस शिकायत पर सीबीआई ने ट्रैप टीम का गठन किया। बताया गया कि ट्रैप टीम ने आरोपित प्रबंधक को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था।
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जल निगम के अधीक्षण अभियंता भ्रष्टाचार में दोषी
उधर, सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की जांच में जल निगम, लखनऊ में तैनात अधीक्षण अभियंता सत्यवीर सिंह चौहान आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी पाए गए हैं। विजिलेंस की खुली जांच में सामने आया कि सत्यवीर सिंह ने अपनी आय से 89 लाख रुपये से अधिक रकम खर्च की।
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विजिलेंस ने दर्ज किया मुकदमा
विजिलेंस ने शासन की अनुमति पर आरोपित अधीक्षण अभियंता के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। आरोपित अधीक्षण अभियंता मूलरूप से बलवंत नगर, ग्वालियर (मध्य प्रदेश) के निवासी हैं।
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