गेस्टहाउस कांड को लेकर मायावती ने फिर साधा निशाना, सपा ने किया था हमला, तब चुप रही कांग्रेस
बसपा प्रमुख मायावती पर भाजपा की आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्धारा हमदर्दी जताए जाने के बाद दोनों दलों के एक फिर साथ आने की संभावनाएं जताई जाने लगी थी लेकिन बसपा प्रमुख तत्काल सर्तक हुई रविवार को ही बयान जारी कर साफ कर दिया कि अब किसी चुनाव में सपा-कांग्रेस से बसपा का कोई गठबंधन नहीं होगा। सोमवार को 29 साल पुराने गेस्टहाउस कांड का उल्लेख करते हुए उन्होंने एक बार फिर सपा और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। मायावती ने कहा कि जब सपा के गुंडों ने उन पर हमला किया था तो केंद्र की सत्ता में बैठी कांग्रेस चुप रही। यूपी में राष्ट्रपति शासन लागू करने साजिश रचती रही। उस समय बीजेपी सहित समूचे विपक्ष ने मानवता और इंसानियत के नाते सपा के आपराधिकतत्वों से बचाने में अपना जो दात्यिव निभाया तो इसकी कांग्रेस को बीच-बीच में तकलीफ क्यों होती रहती है?
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मायावती ने सोमवार को ऐक्स पर पोस्ट कर कहा कि सपा जिसने 2 जून 1995 में बीएसपी द्वारा समर्थन वापिसी पर मुझ पर जानलेवा हमला कराया था तो इस पर कांग्रेस कभी क्यों नहीं बोलती है? जबकि उस दौरान केन्द्र में रही कांग्रेसी सरकार ने भी समय से अपना दायित्व नहीं निभाया था। तभी फिर कांशीराम जी को अपनी बीमारी की गम्भीर हालत में भी हॉस्पिटल छोड़कर रात को इनके गृह मंत्री को भी हड़काना पड़ा था तथा विपक्ष ने भी संसद को घेरा, तब जाकर यह कांग्रेसी सरकार हरकत में आई थी। क्योंकि उस समय केन्द्र की कांग्रेसी सरकार की भी नीयत खराब हो चुकी थी, जो कुछ भी अनहोनी के बाद यहां यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाकर, पर्दे के पीछे से अपनी सरकार चलाना चाहती थी, जिनका यह षड़यंत्र बीएसपी ने फेल कर दिया था।
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उन्होंने कहा कि उस समय सपा के आपराधिक तत्वों से बीजेपी सहित समूचे विपक्ष ने मानवता व इन्सानियत के नाते मुझे बचाने में जो अपना दायित्व निभाया है तो इसकी कांग्रेस को बीच-बीच मे तकलीफ क्यों होती रहती है, लोग सचेत रहें। इसके इलावा, बीएसपी वर्षों से जातीय जनगणना के लिए पहले केन्द्र में कांग्रेस पर और अब बीजेपी पर भी अपना पूरा दबाव बना रही है, जिसकी पार्टी वर्षों से इसकी पक्षधर रही है तथा अभी भी है। लेकिन जातीय जनगणना के बाद, क्या कांग्रेस SC, ST व OBC वर्गों का वाजिब हक दिला पायेगी? जो SC/ST आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर को लेकर अभी भी चुप्पी साधे हुए है, जवाब दे।