गोंडा

Gonda: सावधान! बचाव के लिए ये उपाय अपनाएं, डेंगू और बुखार पसार रहा पांव

गोंडा: डेंगू और बुखार जिले में पांव पसार रहा है। गांव-मुहल्ले में लोग बीमारी की चपेट में हैं। इस बीच झोलाछापों का मकड़जाल भी फैला है। छोटी-छोटी दुकानों में डेंगू के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। रुपईडीह के दो गांवों में उल्टी-दस्त जैसी बीमारी से पांच लोगों की मौत हो चुकी है। नगर के गायत्री पुरम में बुखार से छह वर्षीय छात्र की मौत हो चुकी है। जिले में डेंगू के दो और मरीज मिले हैं। रोगियों की संख्या 22 पहुंच चुकी है। सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था नाकाफी है। बाबू ईश्वर शरण चिकित्सालय में मंगलवार को बाल रोग व मेडिसिन विभाग की ओपीडी में बुखार, जुकान, खांसी व सांस फूलने की समस्या के पांच सौ से अधिक रोगियों को उपचार किया गया। वार्ड फुल हो गए हैं। सीएचसी के साथ ही प्राइवेट अस्पताल की ओपीडी बुखार रोगियों से भरी रहती है। बारिश ने मलेरिया और डेंगू का खतरा बढ़ा दिया है।

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जगह-जगह पानी जमा होने से मच्छर पनप रहे हैं। समय पर उपचार न मिलने पर बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है। गत वर्ष मलेरिया के आठ और डेंगू के 432 रोगी मिले थे। इस वर्ष अभी तक मलेरिया के चार रोगी मिल चुके हैं। बुखार होने बाद हुई जांच में मलेरिया की पुष्टि हुई। डेंगू के भी इस वर्ष 20 मामले प्रकाश में आए हैं। जलभराव के कारण मच्छरों के पनपने से बीमारियों के फैलने की आशंका बढ़ गई है।

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बचाव के लिए यह रखें ध्यान

मेडिकल कालेज के चिकित्सक डा. राकेश तिवारी कहते हैं कि इस समय मच्छर से बचाव करना जरूरी है। मलेरिया से बचाव के लिए पानी न जमा होने दें, इसमें मादा मच्छर अंडे देती है। घर के आसपास सफाई रखें। कूलर, एसी, फ्रिज की ट्रे या किसी भी जल पात्र में पानी न जमा होने दें। मच्छरदानी का उपयोग करें। किसी प्रकार का बुखार होने पर तत्काल चिकित्सक को दिखाएं और जांच कराने में बिल्कुल भी संकोच न करें।

इस तरह से करें बचाव

  • मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों से बचाव के लिए सफाई रखें और पानी जमा न होने दें।
  • इस मौसम में जितना हो सके पानी उबाल कर ही पिएं।
  • पूरी बाजू वाले कपड़े पहनें और सोते वक्त मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
  • बेडशीट को समय-समय पर धोते रहें और कपड़ों को भी धूप दिखाते रहें।
  • दरवाजे, खिड़कियों पर नेट की व्यवस्था रहने से मच्छर, मक्खी और दूसरे बीमारी फैलाने वाले किटाणुओं का प्रवेश नहीं हो पाता।
  • मलेरिया, टाइफाइड और हेपेटाइटिस से बचे रहने के लिए टीक जरूर लगवाएं।

डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया के रोगी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग दवाओं का छिड़काव कराता है। चिह्निन स्थानों पर विशेष तौर पर निगरानी की जा रही है। मंगलवार से साफ-सफाई को लेकर अभियान भी शुरू किया गया है। रोगियों को निश्शुल्क उपचार मुहैया कराया जा रहा है। अधीक्षकों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। – डा. सीके वर्मा, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी

NEWS SOURCE Credit : jagran

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