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कहा- घरों की मांग है सदाबहार, CREDAI ने रियल एस्टेट में मंदी के संकेत को नकारा

भारतीय रियल एस्टेट बाजार में आवास की मांग लगातार बनी हुई है और मंदी के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं। हालांकि, इसे पूरा करने के लिए अधिक नई पेशकश की आवश्यकता है। रियल एस्टेट क्षेत्र के शीर्ष संगठन CREDAI के अनुसार, किसी तिमाही में मकानों की बिक्री कम पेशकश की वजह से गिर सकती है लेकिन कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद बढ़ी उपभोक्ता मांग बरकरार है। क्रेडाई ने 23-26 सितंबर को ‘क्रेडाई नैटकॉन’ सम्मेलन का आयोजन किया है, जिसमें 1,100 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।

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बिक्री में गिरावट

क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज गौड़ ने बताया कि सितंबर तिमाही में नई पेशकश कम रही है। उन्होंने कहा, “कोई ‘इन्वेंट्री’ नहीं है। अच्छे डेवलपर की ओर से सही स्थानों और आकर्षक कीमतों पर आवासीय संपत्तियों की भारी मांग है।”

प्रॉपइक्विटी का आंकड़ा

प्रॉपइक्विटी के अनुसार, जुलाई-सितंबर में भारत के नौ प्रमुख शहरों में बिक्री 18 प्रतिशत घटकर 1,04,393 इकाइयों तक रह गई है। प्रेस्टीज ग्रुप के चेयरमैन इरफान रजाक ने कहा कि मांग तो है लेकिन पेशकश की कमी के कारण बिक्री प्रभावित हुई है। उन्होंने इसे ‘सदाबहार’ मांग करार दिया।

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GST के इनपुट क्रेडिट की आवश्यकता

क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोमन ईरानी ने रियल एस्टेट क्षेत्र में जीएसटी के इनपुट क्रेडिट के प्रावधान की आवश्यकता पर जोर दिया। ईरानी ने किफायती आवास की परिभाषा में बदलाव की आवश्यकता बताई, क्योंकि 2017 में तय की गई 45 लाख रुपए की सीमा अब अपर्याप्त है।

क्रेडाई का नेटवर्क

कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CREDAI) के पास देशभर में करीब 14,000 रियल एस्टेट डेवलपर सदस्य हैं। भारतीय रियल एस्टेट बाजार में निरंतर मांग बनी हुई है, लेकिन इसे पूरा करने के लिए अधिक नई परियोजनाओं की आवश्यकता है।

NEWS SOURCE Credit : punjabkesari

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