UP: कातिल पिता…जिसने दो बेटियों को दी एक गलती पर ‘मौत की सजा’, पांच साल बाद आई तमंचे की बैलेस्टिक रिपोर्ट
मैनपुरी के सदर कोतवाली क्षेत्र के धारऊ गांव में 19 मार्च 2020 को मोबाइल चोरी के आरोप में दो बेटियों को पिता ने मौत के घाट उतार दिया था। जिस तमंचे से गोली मारी गई, आगरा एफएसएल से पांच साल बाद उसकी रिपोर्ट आ गई है। ये रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई।

Mainpuri News | उत्तर प्रदेश — मैनपुरी के धारऊ गांव में साल 2020 में हुए डबल मर्डर केस में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। पांच साल बाद आगरा एफएसएल से आई बैलेस्टिक रिपोर्ट ने साफ कर दिया है कि दोनों बेटियों की हत्या उसी तमंचे से की गई थी, जिसे आरोपी पिता सुखदेव शर्मा के पास से बरामद किया गया था। यह रिपोर्ट अब कोर्ट में पेश कर दी गई है और केस की सुनवाई अब एक्शन मोड में आ गई है।
क्या है पूरा मामला?
यह दिल दहला देने वाली घटना 19 मार्च 2020 को मैनपुरी के सदर कोतवाली क्षेत्र के धारऊ गांव में सामने आई थी। पेशे से राजमिस्त्री सुखदेव शर्मा ने अपनी दो बेटियों नेहा (19) और अनामिका (18) की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वजह? एक मोबाइल चोरी का शक, जो उसके करीबी दोस्त पवन शर्मा के परिवार की ओर से लगाया गया था।
घटनाक्रम कुछ यूं था:
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18 मार्च को सुखदेव की पत्नी और बच्चे पवन शर्मा के घर होली जोहारी मनाने गए थे।
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उसी दौरान पवन शर्मा की मां का मोबाइल गायब हो गया।
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अगले दिन जब सुखदेव ने बेटियों से इस बारे में पूछताछ की, तो वे शुरुआत में इन्कार करती रहीं।
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बाद में बेटियों ने चोरी स्वीकार कर लिया और मोबाइल वापस कर दिया।
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इस बात से गुस्साए सुखदेव ने पहले मारपीट की, फिर रात में घर लौटकर दोनों को गोली मार दी।
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हत्या के बाद उसने स्वयं पुलिस को सूचना दी।
5 साल बाद एफएसएल रिपोर्ट से खुलासा
इस बहुचर्चित केस में अब जाकर आगरा स्थित फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) से बैलेस्टिक रिपोर्ट प्राप्त हुई है। रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि हत्या में इस्तेमाल हुई गोलियां और बरामद तमंचा मेल खाते हैं। यह रिपोर्ट अब एफटीसी प्रथम कोर्ट में अभियोजन पक्ष द्वारा पेश कर दी गई है।
वकील संजीव चौहान ने बताया कि मामले में सभी सबूत कोर्ट में जमा करा दिए गए हैं और 15 अप्रैल 2025 को विवेचक भानू प्रताप की गवाही की तारीख तय की गई है।
परिवार की दोस्ती बनी वजह
बताया जा रहा है कि सुखदेव और पवन शर्मा पुराने दोस्त थे और उनके परिवारों का आना-जाना आम था। लेकिन एक मोबाइल चोरी की घटना ने यह रिश्ता, और दो जिंदगियां खत्म कर दीं।
क्या बोले अधिकारी
कोर्ट में मामला अब गंभीरता से आगे बढ़ाया जा रहा है और एफएसएल रिपोर्ट ने अभियोजन पक्ष को मजबूती दी है। अब देखने वाली बात यह होगी कि कोर्ट में अगली सुनवाई पर क्या निष्कर्ष निकलता है और दोषी को कब तक सजा मिलती है।
निष्कर्ष:
यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि कैसे गुस्से में लिया गया एक फैसला दो मासूम जिंदगियों को लील सकता है। साथ ही, यह भी दर्शाता है कि न्याय में देर भले हो, पर सबूत और फॉरेंसिक जांच के आधार पर सच सामने जरूर आता है।
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