विचारउत्तर प्रदेश

chhath festival: छठ महापर्व स्वरचित रचना

कवि अरविन्द शर्मा अजनबी
कवि अरविन्द शर्मा अजनबी

chhath festival: जिसके प्रकाश से सुख मिलता,

कण-कण खिलता है उर्जा से।

है आज उसी दिनकर की पूजा,

शुक्ल पक्ष षष्टी तिथि में ।।

 

यह भारत का है महा पर्व ,

पूरब में खूब मनाते हैं।

जो दूर देश परदेश गए ,

इस दिन को घर सब आतें हैं।।

 

निराहार और निर्जल रहकर,

सूर्योपासना व्रत करते ।

ब्रह्मा जी की मानस पुत्री,

छठ मईया हम सब कहते।।

 

प्रकृति को पूर्ण समर्पित,

छठ का पावन यह व्रत होता ।

सच्चे मन से जो करे इसे,

हर काम पूर्ण उसका होता॥

 

है चार दिन का कठीन पर्व ,

बिन जल के व्रतियाँ रहतीं हैं।

कटि तक ठंडे पानी में रह ,

कठीन तपस्या करतीं हैं।।

 

कार्तिक मास चतुर्थी तिथि को,

शुरूआत व्रत का होता है।

नहाय खाय का दिन पहला ,

दूसरे दिन खरना रहता हैं ।।

 

सायंकाल तीसरे दिन में ,

डूबते सूरज की पूजा होती।

उदय सूर्य को अर्घ्य चढ़ा ,

चौथे दिन व्रत पूरण होती ।।

इसे भी पढ़े:- Chhath Puja: सृष्टि और प्रकृति के आभार का लोकमहापर्व

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button