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Mainpuri By Election:  बहु बनाम शिष्य होगी मैनपुरी की लड़ाई,जाने कौन है रघुराज सिंह शाक्य ?

रिपोर्ट: इमरान अहमद

Mainpuri By Election:  उत्तर प्रदेश में हो रहे उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने मैनपुरी, खतौली और रामपुर से प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी। सपा सांसद रहे रघुराज शाक्य मैनपुरी उप चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव, के सामने होंगे। भाजपा ने रघुराज शाक्य को मैनपुरी उप चुनाव में पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया है।

जाने कौन है रघुराज सिंह शाक्य

रघुराज सिंह शाक्य को शिवपाल सिंह याादव का काफी करीबी माना जाता था। 1999 और 2004 में वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर इटावा लोकसभा सीट से सांसद चुने जा चुके हैं। 2004 में सपा ने इटावा लोकसभा से शाक्य को प्रत्याशी बनाया था, तब उन्हें 367,807 वोट मिले थे। 2009 में फतेहपुर सीकरी से शाक्य को सपा ने टिकट दिया था। हालांकि, तब वह चौथे नंबर पर रहे थे। 2012 में इटावा विधानसभा से टिकट मिला और शाक्य चुनाव जीत गए। 2017 में जब शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच अनबन शुरू हुई तो शाक्य भी शिवपाल के साथ प्रगतिशील समाज पार्टी में आ गए। इस बार 2022 का विधानसभा चुनाव प्रसपा-सपा गठबंधन से लड़ने की तैयारी में थे। उन्हें भरोसा भी दिया गया था कि इटावा से उन्हें टिकट दिया जाएगा, लेकिन आखिरी वक्त में  सपा ने वहां से सर्वेश शाक्य को मैदान में उतार दिया। सर्वेश पूर्व सांसद रामसिंह शाक्य के बेटे हैं। इससे नाराज रघुराज ने आठ फरवरी 2022 को प्रसपा छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया।

क्या है मैनपुरी का समीकरण

मैनपुरी में अभी करीब 17 लाख वोटर्स हैं। इनमें 9.70 लाख पुरुष और 7.80 लाख महिलाएं हैं। 2019 में इस सीट पर 58.5% लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। मुलायम सिंह यादव को कुल  5,24,926 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी प्रेम सिंह शाक्य के खाते में 4,30,537 मत पड़े थे। मुलायम को 94,389 मतों के अंतर से जीत मिली थी। जातीय समीकरण की बात करें तो ये सीट पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की बहुलता वाली सीट है। यहां सबसे ज्यादा यादव मतदाता हैं। इनकी संख्या करीब 3.5 लाख है। शाक्य, ठाकुर और जाटव मतदाता भी अच्छी संख्या में हैं। इनमें करीब एक लाख 60 हजार शाक्य, एक लाख 50 हजार ठाकुर,  एक लाख 40 हजार जाटव, एक लाख 20 हजार ब्राह्मण, एक लाख लोधी राजपूतों के वोट हैं। वैश्य और मुस्लिम मतदाता भी एक लाख के करीब हैं। कुर्मी मतदाता भी एक लाख से ज्यादा हैं। मैनपुरी लोकसभा सीट में विधानसभा की पांच सीटें आती हैं। इनमें चार सीटें- मैनपुरी, भोगांव, किशनी और करहल मैनपुरी जिले की हैं। इसके साथ ही इटावा जिले की जसवंतनगर विधानसभा सीट भी इस लोकसभा सीट का हिस्सा है। इस साल हुए विधानसभा चुनाव में मैनपुरी जिले की दो सीटों पर भाजपा, जबकि दो पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी। इसमें मैनपुरी और भोगांव भाजपा के खाते में गई थी, जबकि किशनी और करहल सपा के। करहल से खुद अखिलेश यादव विधायक हैं। वहीं, इटावा की जसवंतनगर सीट पर सपा के टिकट पर शिवपाल सिंह यादव जीते थे।

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बीजेपी ने खतौली सीट पर विधायक रहे विक्रम सैनी की राजकुमारी सैनी को प्रत्याशी बनाया है वहीं आजम खान की सजा के बाद खाली हुई रामपुर सीट से आकाश सक्सेना को बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया है। आगामी पांच दिसंबर को मैनपुरी लोकसभा और रामपुर-खतौली विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होना है। सबकी निगाहें मैनपुरी और रामपुर में लगी हैं। यूं तो यह सपा की परंपरागत सीट रही है मगर भाजपा इस बार सपा मुखिया को उनके घर में घेरने की व्यूह रचना में जुटी है। पार्टी ने खतौली में विधायक रहे विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी को प्रत्याशी बनाया है। रामपुर से आकाश सक्सेना भाजपा प्रत्याशी घोषित किए गए है। भाजपा विधायक विक्रम सैनी को सजा के चलते रिक्त हुई इस सीट को पार्टी बरकरार रखना चाहती है। रामपुर सीट भी प्रदेश अध्यक्ष चौधरी के गृह जिले से करीबी सीट है। ऐसे में उसे जीतने को भी पार्टी पूरा जोर लगाएगी। मैनपुरी लोकसभा सहित तीनों ही सीटों पर भाजपा का फोकस सामाजिक समीकरण साधने पर है। पार्टी जानती है कि यदि मैनपुरी में सफलता मिली तो उसकी गूंज 2024 तक सुनाई देगी।

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