UP: होली से पहले जेल से रिहा हुए 103 साल के गुरदीप, बेटों की साजिश का हुए शिकार; भावुक कर देगी इनकी कहानी
होली से पहले मिली आज़ादी: 103 साल के गुरदीप जेल से रिहा, बेटों की साजिश का बने शिकार

शाहजहांपुर : की जेल में बंद 103 वर्षीय गुरदीप सिंह को होली से पहले रिहाई मिल गई। उनके बेटों ने ही उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके चलते उन्हें जेल जाना पड़ा था।
बेटों की साजिश में फंसे बुजुर्ग पिता
शाहजहांपुर के बंडा क्षेत्र के बसंतापुर निवासी गुरमीत सिंह के बेटों की गलत आदतों से परेशान होकर उन्होंने अपनी जमीन गुरुद्वारे के नाम कर दी थी। इस फैसले से नाराज बेटों ने उनके खिलाफ साजिश रचते हुए गाली-गलौज और अन्य आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस ने गुरदीप सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जिसके बाद उनके बेटों ने उनसे मुंह मोड़ लिया।
जेल अधीक्षक की पहल से मिली राहत
गुरदीप सिंह को जेल में रोजमर्रा की जरूरतों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था। जब यह बात जेल अधीक्षक मिजाजी लाल को पता चली, तो उन्होंने गुरदीप की मदद के लिए सहयोग संस्था से संपर्क किया। संस्था ने 15 दिनों के अंदर उनकी जमानत करवा दी। लेकिन जब बेटों को इस बात की खबर लगी, तो उन्होंने पेच फंसाने की कोशिश की और जमानतदारों के सत्यापन में बाधा डालने लगे।
संस्था के प्रयासों से मिली रिहाई
कई कानूनी अड़चनों के बाद, अधिवक्ता जितेंद्र सिंह और मोहम्मद शाहनवाज की पैरवी से गुरदीप सिंह को जेल से रिहा कर दिया गया। सहयोग संस्था ने उनके रहने और खाने की व्यवस्था की ज़िम्मेदारी ली है। संस्था के प्रधान अनिल गुप्ता, तराना जमाल और रजनी गुप्ता भी इस दौरान मौजूद रहे।
इसे भी पढ़े:- MP Budget 25-26: लाडली बहनों को केंद्र की तीन योजनाओं से जोड़ेंगे, वर्तमान के साथ भविष्य भी सुरक्षित