Karnataka Election Voting: कर्नाटक की 224 सीटों के लिए मतदान जारी है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है। दोनों ही पार्टियां राज्य में सरकार बनाने का दावा कर रही हैं। हालांकि 13 मई को मतगणना के बाद स्थिति साफ हो जाएगी की कर्नाटक में किसकी सरकार बन रही है। बीजेपी के लिए अच्छी बात यह है कि वह दोबारा सत्ता में अगर वापसी करती है, तो नया रिकॉर्ड बनाएगी और अगर वह चुनाव हारती है, तो इसका असर आगामी चुनावों पर नहीं पड़ेगा। क्योंकि सत्ता विरोधी लहर के बीच दोबारा सत्ता में आ पाना आसान नहीं होता। हालांकि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए बीजेपी ने अपना पूरा जोर लगा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक राज्य में कई चुनावी जनसभा कर चुके हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को हो रही वोटिंग काफी धीमी है। चुनाव आयोग के मुताबिक सुबह 9 बजे तक 8.26 फीसदी मतदान हुआ है। फिलहाल जैसे-जैसे दिन चढ़ रहा है मतदाताओं की भीड़ बढ़ती जा रही है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और हुबली-धारवाड़ सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार जगदीश शेट्टार ने वोट डालने के बाद पार्टी की जीत का दावा किया है। बता दें कि जगदीश शेट्टार चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
इसी क्रम में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की पत्नी ने वोट डालने के बाद अपने पति के जीतने का दावा किया है। उन्होंने कहा, वह (बसवराज बोम्मई) 50,000 से अधिक मतों से चुनाव जीतेंगे। कर्नाटक में बीजेपी जीत रही है और उसे 150 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। वहीं कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार की पत्नी ने वोट डालने के बाद दावा किया है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार आएगी। मुझे 100% विश्वास है कि मेरे पति जीतेंगे। फिल्म द केरला स्टोरी का कर्नाटक में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील भी की।
केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने बेंगलुरु में अपना वोट डाला। उन्होंने कहा कि केरल के लिए आज प्रजातंत्र का पर्व है। मैं लोगों से यही कहूंगी कि सब मतदान बढ़ चढ़कर हिस्सा लें और अच्छी सरकार चुने। लोग ज्यादा संख्या में मतदान करेंगे तो राज्य में एक अच्छी सरकार आएगी। बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अच्छी वोटिंग होने का रिकॉर्ड रहा है। यह लंबे समय से 60 फीसदी से अधिक वोटिंग होती रही है। लेकिन इस बार वोटिंग की रफ्तार को देखते हुए अच्छी वोटिंग की उम्मीद थोड़ कम लग रहा है।
पिछले 5 चुनाव का वोटिंग प्रतिशत
1999 – 67.65%
2004 – 65.17%
2008 – 64.68%
2013 – 71.45%
2018 – 72.10%