
प्रकाश सिंह
Bollywood News: बॉलीवुड को लंबे समय से फ्लॉप फिल्मों को लेकर आलोचना झेलनी पड़ रही है। बॉलीवुड इंडस्ट्री एक के बाद एक फ्लॉप होती फिल्मों को लेकर चिंतित भी है। कुछ अभिनेताओं ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए कुछ पहलुओं पर सुधार करने की सलाह दी। वहीं फिल्म लाल सिंह चड्ढा के फ्लॉप होने के बाद अभिनेता आमिर खान ने फिल्मों से तौबा कर ली। फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े अधिकतर कलाकारों का मानना है कि बॉलीवुड में कंटेंट का अभाव है, इसीलिए फिल्म चल नहीं पा रही हैं। हालांकि इस बीच फिल्म को लेकर कंट्रोवर्सी भी की गई, जिससे कुछ फिल्मों का सफलता भी मिली। लेकिन जो बॉलीवुड इंडस्ट्री मानने लगा है कि फिल्मों में कंटेंट की कमी है, वहीं सच्चाई पर आधारित फिल्म को विरोध भी बॉलीवुड अप्रत्यक्ष तौर पर करता नजर आ रहा है। हाल के दिनों पर सच्चाई पर आधारित दो फिल्में आईं, जिसका सपोर्ट करना तो दूर विरोध में बॉलीवुड खेमा नजर आया। बावजूद इसके द कश्मीर फाइल्स और द केरला स्टोरी दोनों ने धुआंधार प्रदर्शन किया।
द कश्मीर फाइल्स और द केरला स्टोरी दोनों फिल्मों का कंटेंट न तो कॉपी था और न ही इससे पहले ऐसी फिल्में बना पाने की किसी ने हिम्मत दिखा पाई थी। इस्लामिक फोबिया से ग्रस्त बॉलीवुड अब तक अपनी मनचाही कहानियों को दर्शकों पर थोपता था। कुछ नया न मिलने पर दर्शक कहानियों से ज्यादा एक्टर के फैन हो गए। उन्हें लगने लगा कि फलां एक्टर की फिल्म है, हिट जाएगी। लेकिन सोशल मीडिया के आने के बाद दर्शकों ने फिल्म के कंटेंट पर विचार शुरू कर दिया। फिल्म के आने से पहले दर्शक उसके रिव्यू में वह साउथ की किस फिल्म की कॉपी है, उसपर टिप्पणी करना शुरू कर दिया। शायद यही वजह है कि बॉलीवुड की फिल्में अब पर्दे पर वह धमाल नहीं कर पा रही हैं, जैसा पहले होता था।
इन सब सवालों के बीच द कश्मीर फाइल्स और द केरला स्टोरी दोनों फिल्मों ने बना प्रचार-प्रसार के दर्शकों से वो लोकप्रियता हासिल की, जिसका किसी को उम्मीद न थी। कुछ लोगों को लगता था कि इन फिल्मों से एक वर्ग नाराज हो जाएगा, क्योंकि इसमें उनकी हकीकत को दर्शाया जा रहा है। लेकिन जो जनता इनकी हकीकत से परिचित है, उसे यह सच पसंद तो आया ही साथ ही बॉलीवुड का असली चेहरा भी नजर आ गया। लोगों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि बॉलीवुड इंडस्ट्री निष्पक्ष नहीं है।
इसके कई उदाहरण भी हैं। बीते दिनों फिल्म पठान की रिलीज को लेकर वरोध शुरू हुआ था, तो पूरा बॉलीवुड इसके समर्थन में आ गया। अमिताभ बच्चन से लेकर सुनील शेट्ठी तक बाइकॉट करने वालों पर लगाम लगाने की वकालत तक कर डाली। अमिताभ बच्चन ने इसके विरोध में पीएम मोदी को अप्रत्यक्ष तौर पर हमला भी बोला। वहीं जब द केरल स्टोरी का विरोध शुरू हुआ तो पूरा बॉलीवुड चुप है। कुछ तक दे रही हैं कि द कश्मीर फाइल्स और द केरला स्टोरी की कहानी में सत्यता नहीं है। ऐसे में सवाल यह बनता है कि पठान, बजरंगी भाई जान, बॉडीगार्ड, पीके, दंगल आदि फिल्मों की कहानियां क्या पूरी तरह सच थीं?
फिलहाल बॉलीवुड को कुतर्क करने की जगह सच को स्वीकारना होगा और सच्चाई छिपाने की जगह, उसे दिखाने का साहस करना होगा। क्योंकि दर्शकों पर कुछ भी थोप देना अब नहीं चलेगा। द केरला स्टोरी का सच ही है जो दर्शकों के सिर चढ़कर बोल रहा है। तमाम विरोध के बावजूद भी फिल्म ने 9 दिनों में सौ करोड़ से ऊपर की कमाई कर ली है। करोड़ों की लागत से बनी फिल्मों का फ्लॉप होना कितना नुकसानदायक यह निर्माता, निर्देशक सबको पता है। ऐसे में जनभावनाओं पर आधारित फिल्मों को बनाने के बारे में उन्हें सोचना होगा। केवल एक वर्ग विशेष को खुश करने के लिए कुछ भी परोसने का समय बीत चुका है।
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