लखनऊ कोर्ट हंगामा, वकील जूता फेंका, सूचना आयुक्त घटना, राज्य सूचना आयोग लखनऊ
लखनऊ के राज्य सूचना आयोग में वकील ने किया जूता फेंकने का हंगामा

लखनऊ : बुधवार को लखनऊ के राज्य सूचना आयोग में एक विवादित घटना सामने आई, जब प्रयागराज से आए वकील दीपक शुक्ला ने राज्य सूचना आयुक्त मोहम्मद नदीम पर कोर्ट के अंदर ही जूता फेंक दिया। यह घटना उस वक्त हुई जब आयुक्त ने नए मामलों की सुनवाई शुरू की, जबकि वकील का आरोप था कि उनकी सुनवाई का कोई ध्यान नहीं रखा गया। इस घटना ने कोर्ट रूम में अचानक हंगामा मचा दिया और न्यायालय के आदेशानुसार, वकील के खिलाफ शांति भंग का चालान किया गया।
वकील का आरोप और जूता फेंकने की घटना
दीपक शुक्ला ने आरोप लगाया कि राज्य सूचना आयुक्त उनकी सुनवाई को नजरअंदाज कर रहे थे और नए मामलों की सुनवाई पर ध्यान दे रहे थे। इसका विरोध करते हुए उन्होंने सूचना आयुक्त पर जूता फेंक दिया। यह घटना कोर्ट के अंदर हुई, और तुरंत ही पूरे परिसर में अफरातफरी मच गई।
राज्य सूचना आयुक्त का बयान
इस विवाद के बाद, राज्य सूचना आयुक्त मोहम्मद नदीम ने घटना पर खेद जताया, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अदालत के भीतर ऐसी घटनाओं से न्यायिक प्रक्रिया पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा, “हमारे पास हर किसी की शिकायतों को सुनने का समय है, लेकिन यह तरीका ठीक नहीं था।”
वकील के खिलाफ कार्रवाई
इस घटना के बाद, पुलिस ने दीपक शुक्ला के खिलाफ शांति भंग के आरोप में चालान किया और उन्हें तलब किया। वहीं, न्यायालय परिसर में इस घटना की जांच शुरू कर दी गई है।
कोर्ट रूम में शांति और सम्मान की आवश्यकता
यह घटना न्यायालयों में शांति और सम्मान बनाए रखने की आवश्यकता को स्पष्ट करती है। वकीलों और न्यायिक अधिकारियों को अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए एक दूसरे के प्रति सम्मान बनाए रखना चाहिए, ताकि न्यायिक प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से चलाया जा सके।
अगले कदम
इस घटना के बाद, न्यायपालिका ने इस तरह के व्यवहार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है। वकीलों को कोर्ट रूम में अनुशासन बनाए रखने के लिए चेतावनी दी गई है और कोर्ट परिसर में शांति बनाए रखने के लिए नई गाइडलाइन्स जारी करने पर विचार किया जा रहा है।
Conclusion:
लखनऊ के राज्य सूचना आयोग की कोर्ट में हुआ यह हंगामा एक गंभीर घटना थी, जिसमें वकील द्वारा जूता फेंकने की घटना ने पूरे न्यायिक समुदाय को चौंका दिया। ऐसे व्यवहारों से अदालत की कार्यवाही पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। अब मामले की जांच की जा रही है और दोषी वकील के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।