Agra News: सारस के संरक्षण के लिए योगी सरकार ने बनाई योजना
Agra News: योगी सरकार (yogi government) द्वारा प्रदेश के राज्य पक्षी सारस (state bird stork) के संरक्षण के लिए चलाई जा रही मुहिम का असर दिखने लगा है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट (national chambal century project) की डीएफओ ने समान पक्षी विहार को सारस की शरण स्थली के रूप में विकसित करने की विशेष योजना बनाई। इसके तहत सारस के संरक्षण के लिए वन विभाग समान पक्षी विहार में धान की बुआई करेगा और वहां टीले बनाए जाएंगे। सारस संरक्षण के लिए सरकार को 70 लाख रुपये का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। इसकी स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू हो जाएगा।
प्राकृतिक आवास का होगा निर्माण
राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट की डीएफओ आरुषि मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा समान पक्षी विहार को ईको टूरिज्म का बड़ा केंद्र बनाने के लिए प्लानिंग की जा रही है।समान पक्षी विहार में ग्रीष्म काल में राज्य पक्षी सारस की संख्या भी सुखद रहती है। पिछले साल ग्रीष्मकालीन गणना में वन विभाग ने 98 सारस रिकार्ड किए थे। इस साल 95 सारस दर्ज हुए हैं। उन्होंने बताया कि सारस संरक्षण योजना के तहत समान पक्षी विहार का चयन किया है। समान पक्षी विहार का हैबिटेट खेत खलिहान वाला है। यहां पर एक से डेढ़ फुट तक पानी या दलदल जैसा हैबिटेट है। जो हैबिटेट सारस के अनुकूल है। राज्य पक्षी सारस के संरक्षण के लिए 70 लाख रुपये का एक प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। इस बजट में वन विभाग समान पक्षी विहार से जलकुंभी हटाएगा। वैसे यह सारस का प्राकृतिक हैबिटेट नहीं हैं। यहां पर वन विभाग छोटे- छोटे टीलों का निर्माण करेगा। जिससे सारस के प्राकृतिक आवास बनाए जा सके। इसके साथ ही उन्हीं टीलों पर धान की बुआई भी की जाएगी। जिससे सारस को अपने प्राकृतिक आवास से भोजन के लिए दूर न जाना पड़े।
5 वर्ग किमी में फैला है क्षेत्र
बता दें कि आगरा मंडल के मैनपुरी जिले में समान पक्षी विहार अभयारण्य है। जो पांच वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला है। सन 1990 समान पक्षी विहार बना था। जिसे सन् 2019 में संयुक्त राष्ट्र ने रामसर साइट का दर्जा दिया। समान पक्षी विहार में हर साल दिसंबर से फरवरी तक देसी-विदेशी पक्षियों का जमघट रहता है। समान पक्षी विहार में तीन माह से अधिक समय तक हजारों रंग-बिरंगे पक्षी रहते हैं।