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Loksabha Election 2024: बृजभूषण की राजनीति पर संकट के बादल, यूपी के कई सांसदों का कटेगा टिकट

रवींद्र प्रसाद मिश्र

Loksabha Election 2024: चुनाव कोई भी हो जीतना बीजेपी (BJP) का लक्ष्य होता है। अपनी इसी लगन और कुशल रणनीति के चलते बीजेपी आज जहां देश की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के कुशल नेतृत्व की डंका दुनिया में बज रहा है। पीएम मोदी की कुशल नीतियों और अनुशासन ने पार्टी को फर्श से अर्श तक पहुंचाया है। अनुशासन का नतीजा यह है कि पार्टी के किसी भी फैसले पर कोई नेता उंगली नहीं उठा सकता। लोकसभा चुनाव 2024 के तहत जहां सभी राजनीतिक दल रणनीति बनाने में लगे हुए हैं, वहीं बीजेपी यूपी के 80 लोकसभा सीटों को जीतने का खाका तैयार कर लिया है। हालांकि इसके लिए इसबार कई सांसदों का टिकट कट सकता है, तो वहीं कई विधायकों को सांसद बनने का भी मौका मिलेगा। सबका साथ और सबका विकास का ध्येय लेकर आगे बढ़ रही बीजेपी सरकार (BJP Sarkar) की मंशा है कि क्षेत्र के विकास के लिए काम करने वाले नेताओं को मौका दिया जाए और जो सुस्त हो चुके हैं उन्हें पार्टी के सहयोग कार्य में लगा दिया जाए।

31 जुलाई को पार्टी के सांसदों के साथ दिल्ली में हुई बैठक में प्रधानमंत्री ने मौजूदा बीजेपी सांसदों के टिकट काटे जाने का इशारा कर दिया है। पार्टी का यह फैसला इंटरनल सर्वे के आधार पर लिया जाएगा। बता दें कि बीजेपी अपने सासदों का इंटरनल सर्वे करा रही है। इसमें जिन सांसदों का परफॉर्मेंस खराब है और जिनकी उम्र अधिक हो चुकी है, उनका टिकट कटना लगभग तय है। पार्टी सूत्रों की मानें तो आगामी लोकसभा चुनाव में यूपी के मौजूदा 22 सांसदों का टिकट कट सकता है। इसमें प्रमुख रूप से बृजभूषण शरण सिंह, वरुण गांधी और हेमा मालिनी का टिकट कटना तय माना जा रहा है।

बृजभूषण की राजनीति पर संकट के बादल

गोंडा के कैसरगंज लोकसभा सीट से लगातार सांसद चुने जाने वाले बृजभूषण शरण सिंह का इस बार टिकट कटना तय माना जा रहा है। इसके लिए उनकी उम्र और महिला पहलवानों का आरोप आधार बन सकते हैं। बता दें कि गोंडा जनपद की लगभग सभी लोकसभा और विधानसभा सीटों पर बृजभूषण शरण सिंह का वर्चस्व है। वह अपनी सीट तो जीतते ही है, बाकी सीटों पर अपने समर्थकों को जितवाते भी हैं। शायद यही है कि आपराधिक इतिहास होने के बावजूद भी बृजभूषण शरण सिंह का कोई राजनीति दल खुल कर विरोध नहीं करता। बृजभूषण शरण सिंह पर भारतीय कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष रहते हुए महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगा।

बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर लंबे समय तक प्रदर्शन किया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया, लेकिन जिस मामले में तुरंत गिरफ्तारी की जानी थी, ऐसे में मामले में बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तारी से पहले ही जमानत मिल गई। हालांकि, बजृभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के प्रदर्शन का असर पूरे देश में पड़ा है। नतीजा यह रहा कि जिस गोंडा में बृजभूषण के खिलाफ कोई बोलने का साहस नहीं जुटा पाता था, वहां उन्हें जनता के विरोध का सामना करना पड़ा। एक जनसभा के दौरान बृजभूषण शरण सिंह को समर्थकों के साथ भागना तक पड़ गया।

राजनीति में उसी नेता का सिक्का चलता है, जिसके साथ जनता जुड़ी होती है। क्योंकि सड़क छाप से माननीय बनाने वाली जनता होती है। बीजेपी चुनाव में जीत हासिल करने का ट्रिक अच्छे से जानती है। वह दौर चला गया जब रसूख के बदौलत जनता से वोट हासिल किया जाता था। अब जनता पर वही राज करेगा, जो विकास की बात करेगा। लोकसभा चुनाव 2014 के बाद पीएम मोदी ने विकास का प्राथमिकता दी और नेताओं और विधायकों को यह निर्देश दिया कि वह जनता के बीच जाएं और सरकार और क्षेत्र में कराए गए अपने कार्यों के बारे में बताएं। बावजूद इसके कई नेता अपने क्षेत्र की जनता से कटे रहे। नतीजा ऐसे नेताओं का लोकसभा चुनाव 2019 में टिकट काट दिया गया।

बीजेपी लोकसभा चुनाव 2019 की तरह ही 2024 का चुनाव लड़ने का फार्मूला तैयार कर लिया है। इसके लिए बीजेपी ने करीब तीन महीने पहले मौजूदा सांसदों का इंटरनल सर्वे करा चुकी है। अब तक दो सर्वे हो भी चुके हैं। इंटरनल सर्वे को सांसदों की उनके क्षेत्र में परफॉर्मेंस। सांसदों की उनके क्षेत्र में लोकप्रियता। सांसदों की उम्र और उनकी एक्टविटी के आधार पर रिपोर्ट तैयार करना था। इसी रिपोर्ट के आधार पर सांसदों के टिकट पर फैसला होगा। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों को पहले ही आगाह कर दिया है, कि चुनाव में किसी के भी टिकट काटे जा सकते है, साथ ही उम्रदराज हो चुके सांसदों को साफ संकेत भी दे दिया है कि युवाओं को आगे आने का मौका दिया जाए।

गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कई वर्तमान सांसदों के टिकट काटे थे, तो कई विधायकों को सांसद बनने का मौका दिया था। जिन विधायकों को पार्टी ने लोकसभा का टिकट दिया था, उनमें अधिकतर चुनाव भी जीते। उम्र को देखते हुए संतोष गंगवार, रीता बहुगुणा जोशी, हेमा मालिनी, सत्यदेव पचौरी, बीके सिंह, अक्षयवर लाल गौड़, राजेंद्र अग्रवाल का टिकट कट सकता है।

देवेंद्र सिंह भोले, आरके पटेल, केसरी देवी पटेल, विजय दुबे, उपेंद्र रावत, मुकेश राजपूत, राजवीर दिलेर, बीपी सरोज, रमेश चंद्र बिंद, संगम लाल गुप्ता, वरुण गांधी, बृजभूषण शरण सिंह, मेनका गांधी, जय प्रकाश रावत आदि का टिकट खराब परफॉमेंस के चलते कट सकता है। वहीं दूसरे दलों से आए जिताऊ नेताओं को भी बीजेपी उम्मीदवार बनाएगी।

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