Gonda News: जिलाधिकारी नेहा शर्मा के प्रयासों का प्रतिफल, एक साल बाद जिंदा हो सकी शोभावती
Gonda News: जिलाधिकारी नेहा शर्मा के प्रयासों का प्रतिफल है कि एक साल बाद शोभावती एक बार फिर जिंदा हो गई। यह सुनने में अटपटा जरूर लगेगा लेकिन सच है। असल में, करीब डेढ़ साल पहले 75 वर्ष शोभावती को सरकारी दस्तावेजों में मृत दिखाकर उनकी वृद्धावस्था पेंशन रोक दी गई थी। तब से शोभावती लगातार खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहीं थी। मामला संज्ञान में आने के बाद जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने तत्काल कार्यवाही के आदेश जारी किए। नतीजा, शोभावती को जीवित मानते हुए वृद्धावस्था पेंशन का लाभ उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
पति के देहांत के बाद पेंशन ही है एक सहारा
मामला मनकापुर विकासखण्ड के उपाध्यायपुर ग्रंट का है। यहां की निवासिनी 75 वर्षीय शोभावती के पति जगदंबा प्रसाद का देहांत हो चुका है। करीब डेढ़ साल पहले अधिकारियों ने शोभावती को भी कागज में मृत घोषित कर दिया था। जिसके बाद उनको वृद्धावस्था पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा था। शोभावती के लिए पेंशन ही एक सहारा था। जिसके बंद होने से वह लाचारी व बेबसी भरी जिंदगी काटने के लिए मजबूर हो गई। ऐसे में खुद को जिंदा साबित करने के लिए यह बुजुर्ग महिला बीते करीब एक साल से विकासखण्ड से लेकर जिला मुख्यालय तक के चक्कर लगा रही थी। बीते दिनों यह प्रकरण जिलाधिकारी नेहा शर्मा के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिलाधिकारी द्वारा इस प्रकरण में तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए।
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जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश चौधरी ने बताया कि महिला को बीती 22 अगस्त 2022 में पेंशन जारी की गई थी। उसके बाद ब्लॉक स्तर पर किए गए सत्यापन में महिला के मृत होने की सूचना प्राप्त हुई थी। जिसके आधार पर पेंशन रोक दी गई। प्रकरण पहले भी सामने आया है। विभागीय स्तर पर कार्यवाही सुनिश्चित की गई है। महिला की शिकायत पर दस्तावेजों में संशोधन करके वृद्धावस्था पेंशन के लिए प्रकरण प्रेषित कर दिया गया है। शीघ्र ही महिला की पेंशन अन्य लाभार्थियों के साथ ही लखनऊ से उसके खाते में प्रेषित की जाएगी।
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