Leadदुनियादेशविचार

Lok Sabha Elections 2024: लालू प्रसाद की बहू राजश्री लड़ेंगी लोकसभा चुनाव, इस सीट से ठोक सकती हैं ताल!

Lok Sabha Elections 2024: लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की बहू व तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की पत्नी राजश्री (Rajshree) राजनीति में आने वाली हैं। माना जा रहा है जल्द ही इसका एलान किया जा सकता है। चर्चाओं के मुताबिक, लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) राजश्री को प्रत्याशी बना सकती है। राजश्री (Rajshree) को उजियारपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी भी बनाने की कवायद तेज हो गई है। बता दें कि तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) अपनी पत्नी राजश्री के साथ शुक्रवार को गोपालगंज की यात्रा कर रहे हैं। तय कार्यक्रम के मुताबिक, तेजस्वी यादव पत्नी राजश्री (Rajshree) के साथ यहां के प्रसिद्ध थावे मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे। इस दौरान मंदिर के सौंदर्यीकरण के शिलान्यास की भी योजना है। राजश्री की राजनीति में आने की कवायद के बीच तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) अब उन्हें घर से बाहर साथ ले जाकर बिहार की आवोहवा से से परिचय कराना शुरू कर दिया हैं।

तेजस्वी यादव ने इसकी शुरुआत मंदिर जाकर पूजा अर्चना से कर रहे हैं। इसके बाद उनका यह कार्यक्रम जनता से तालमेल बढ़ाने वाला है। जानकारों की मानें तो इस सबके पीछे की लालू परिवार की बहू राजश्री को लोकसभा चुनाव लड़ाने की रणनीति है। सूत्रों की मानें तो लालू प्रयाद यादव की बहू राजश्री उजियारपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। राजश्री को उजियारपुर सीट से मैदान में उतारने की तैयारी शुरू हो चुकी है। बता दें कि उजियारपुर में यादवों और कुशवाहा समाज की अच्छी आबादी है। उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के दिग्गज नेता आलोक मेहता, अश्वमेध देवी और लेफ्ट के अजय कुमार की वोटर में अच्छी पकड़ है, जो कुशवाहा समाज से आते हैं।

लालू परिवार को विश्वास है कि राजश्री के मैदान में उतरते ही यादवों को वोट उनकी बहू को वोट देने आगे आएंगे। वहीं उजियारपुर से मौजूदा सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री नित्यानंद राय को कड़ी चुनौती मिलने की संभावना है। उजियारपुर सीट से नित्यानंद राय लगातार 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। नित्यानंद राय के मुकाबले आरजेडी के पास राजश्री से बेहतर और कोई प्रत्याशी भी नहीं है। लालू परिवार का मानना है कि उनकी बहू के आने से जहां जातीय समीकरण साधा जा सकता है, वहीं लोगों की साहनुभूति भी मिल सकती है। वहीं यह सवाल भी उठ रहे हैं कि पिछले दो चुनाव से आलोक मेहता और उपेन्द्र कुशवाहा को धूल चटाने वाले नित्यानंद राय, लालू प्रसाद की बहू राजश्री को पटखनी दे पाएंगे। फिलहाल राजश्री को लेकर राजनीतिक चर्चा सियासी हलकों में बढ़ गई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button