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Gorakhpur: प्रधानाचार्य ने महिला परिचारिका से की अश्लीलता, ऑडियो वायरल

Gorakhpur: सभ्य समाज के निर्माण में शिक्षकों की महत्ती भूमिका होती है। शिक्षक ही पथभ्रष्ट होगा, उसके छात्र कैसे होंगे समझा जा सकता है। कुछ ऐसे ही शिक्षकों के चलते शिक्षा जगत कलंकित हो रहा है। ताजा मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनपद गोरखपुर से सामने आया है। महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज गोलघर गोरखपुर (अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय) जो महाराणा प्रताप शिक्षण संस्थान, गोरखपुर की सबसे पुरानी और एडेड इंटर कॉलेज है। ज्ञात हो कि गुरु गोरक्षनाथ मंदिर ट्रस्ट के प्रधान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस संस्था के संस्थान प्रमुख रहे हैं, जिनके मुख्यमंत्री बनने के बाद, तकनीकी कारणों से प्रबंधक का पदभार डा यूपी सिंह (पूर्व कुलपति पूर्वांचल विवि) को सौंपा गया है। वैसे सारा कार्यभार डा प्रदीप राव देखते हैं जो मुख्यमंत्री की तरफ से महाराणा प्रताप शिक्षण संस्थान ट्रस्ट के कार्य को देखने के लिए अधिकृत किए गए हैं। डा प्रदीप राव सीएम योगी के सबसे विश्वसनीय लोगों में से हैं।

संदर्भित इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डा अरुण कुमार सिंह का ऑडियो क्लिप इस समय तेजी से वायरल हो रहा है। शहर के इस सबसे पुराने और प्रतिष्ठित संस्थान में संविदा पर कार्य करने वाले एक परिचारिक और उसकी पत्नी जो वहीं परिचारिका है के साथ अश्लील बातचीत का ऑडियो सामने आने के बाद, मामले को दबाने के प्रयास में पूरा महकमा एक जुट हो गया। सूत्रों के अनुसार जब प्रधानाचार्य का सुनीता देवी पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बढ़ा तो ऊब कर उसने थाना कैंट को मामले से फोन पर अवगत कराया।

मामला हाई प्रोफाइल शिक्षण संस्थान का था तो प्रबंधन सहित सारे प्रभावशाली लोग उसे दबाने में लग गए। उसी दिन संस्थान के चार व्यवसायिक शिक्षक की सेवा समाप्त हो गई। 5 सितंबर शिक्षक दिवस पर संस्था के नियमित शिक्षकों द्वारा ये बात उठाई गई, नैतिक और चरित्र से हीन संस्था के प्रधानाचार्य के हाथों से सम्मान ग्रहण करना शिक्षक दिवस का अपमान है, तो एक ही दिन में 46 अध्यापकों को, प्रतिकूल प्रविष्टि के लिए, कारण बताओ नोटिस दिया गया। आनन फानन में जबरिया मामले को दबा दिया गया। उस समय जितने भी अध्यापकों के पास ये ऑडियो था सब पर दबाव डाल कर इसे डिलीट कर दिया गया।

बता दें कि मामला एक वर्ष पुराना है, जिसका ऑडियो एक बार फिर से वायरल है। ये समझाने की कोई आवश्यकता नहीं कि विद्या के पावन मंदिर में प्रधानाचार्य का पद एक आदर्श चरित्र व्यक्तित्व का होना चाहिए, जिससे समाज में आदर्श स्थापना का संदेश जाए। इसके साथ ही यदि वह शिक्षण संस्थान मुख्यमंत्री से सीधा जुड़ा हो, जिनका संकल्प “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का रहा है, तो आखिर किसके इशारे पर मुख्यमंत्री के इस आदर्श का मखौल उन्हीं की संस्था में उड़ाया जा रहा है, ये बात हतप्रभ कर देने वाला है। ऑडियो संलग्न है। सुने और सोचें कि बेटी कैसे बचेगी? बेटी कैसे पढ़ेगी? अगर पढ़ लिख कर पैरों पर खड़ी भी हो गई तो रसूखदार लोगों के बीच वो अपनी अस्मिता कैसे सुरक्षित रख सकेगी? यदि एक अकेली स्त्री अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए किसी तरह सामने आने का साहस भी दिखाए तो पुलिस सहित सारे प्रभावशाली उसे दबा देंगे। हालांकि वायरल ऑडियो में महिला की तरफ से प्रधानचार्य को दिल की बात कहने के लिए उकसाया जा रहा है।

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