
नई दिल्ली : भारतीय नौसेना की महिला अधिकारियों ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। INSV तारिणी पर सवार नौसेना की जांबाज महिला टीम ने दुनिया के सबसे कठिन समुद्री मार्गों में से एक केप होर्न को पार कर लिया है। यह उपलब्धि नौसेना के नाविक सागर परिक्रमा अभियान का एक अहम हिस्सा है, जो पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित नौकायन मिशन है।
क्या है केप होर्न और इसकी चुनौती?
केप होर्न, दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी छोर पर स्थित है और इसे दुनिया के सबसे खतरनाक समुद्री मार्गों में गिना जाता है। यहां प्रचंड हवाएं, ऊंची लहरें और कठोर मौसम नौकायन के लिए बेहद कठिन परिस्थितियां पैदा करते हैं। इस रास्ते को पार करना किसी भी नाविक के लिए एक साहसिक और ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जाती है।
INSV तारिणी और महिला नौसैनिकों की ऐतिहासिक यात्रा
INSV तारिणी भारतीय नौसेना की दूसरी नौका है, जिसे स्वदेश में निर्मित किया गया है। यह नौका पहले भी कई ऐतिहासिक अभियानों का हिस्सा रह चुकी है। इस बार महिला नौसैनिकों ने इसे संचालित करते हुए केप होर्न पार करने वाली भारतीय नौसेना की पहली महिला टीम बनने का गौरव हासिल किया है।
प्रधानमंत्री और नौसेना प्रमुख ने दी बधाई
इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह मिशन भारत की महिला शक्ति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह उपलब्धि न केवल भारतीय नौसेना बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।
INSV तारिणी का अगला लक्ष्य
INSV तारिणी की महिला टीम आगे भी अपने साहसिक मिशन को जारी रखेगी। इस मिशन का उद्देश्य महिलाओं को प्रेरित करना और यह साबित करना है कि वे किसी भी चुनौती को पार करने में सक्षम हैं।
यह उपलब्धि न केवल भारतीय नौसेना के इतिहास में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक मिसाल बन गई है।