BJP News: किसी वैद्य को बुलाओ, इनकी दवा तो कराओ फिल्म प्रेमरोग का गीत है, मैं हूं प्रेमरोगी मेरी दवा तो कराओ, जाओ जाओ जाओ किसी वैद्य को बुलाओ….
लगता है भाजपा को भी यही रोग हो गया है। इसे अपने नैसर्गिक प्रेमी पसंद नहीं। इसे किसी और से प्रेम हो गया है। ऐसा लग रहा है। जो इससे नैसर्गिक प्रेम करने वाले हैं वे शायद एकतरफा ही हैं। यह उन्हें ज्यादा चाहती है जो इसे और इसके सनातन समाज को खूब गालियां देते हैं। नायकों और महानायको की बैंड बजाते हैं। फिर अचानक खबर आती है कि इन्हें गंभीर प्रेम था , प्रस्फुटित हो गया।
अनुभवी लेखक और वरिष्ठ पत्रकार दयानंद पांडेय इसे नए ढंग से परिभाषित करते है…
#दिलीप मंडल सर्वदा से ही बेजमीर , विषैले और गिरगिट को मात देने वाली कलाओं में प्रवीण रहे हैं l सफल भी l इन पर कोई चर्चा करना समय व्यर्थ करना है l विचार का व्यवसाय नहीं होता l दिलीप मंडल लेकिन करते हैं l एक ट्रोल टीम है , इन के पास l उसी से अपनी दुकान चलाते हैं l दिलीप मंडल भाजपा का सिर्फ़ नुक़सान करेंगे और अपना लाभ l जैसे जस्टिस कर्णन को जेल भिजवा दिया और अपनी कमाई की l लालू , का भी पटरा बैठा दिया और मायावती का भी l अपनी कमाई की l अब भाजपा का नंबर है l आर एस एस के रहते भाजपा को दिलीप मंडल जैसे डिस्ट्रक्टिव आदमी को सलाहकार बनने की सनक सवार है तो कोई क्या कर सकता है l दिलीप मंडल सनातन की मां-बहन करने के लिए कुख्यात हैं और भाजपा सनातन का बिगुल बजाती है l केर- बेर का संग है l
जैसे तमाम कांग्रेसी बुला कर भाजपा ने चुनाव में अपना पटरा किया है , वैसे ही दिलीप मंडल को बुला कर छीछालेदर की है l दिलीप मंडल अब दगे कारतूस हैं l
दिलीप मंडल से प्रेम तो एक उदाहरण भर है। ऐसे अनेक गंभीर प्रसंगों से सत्ता का इतिहास भर गया है। सनातन और राष्ट्र की चिंता करने वाले तमाशा ही देख सकते हैं।