अब काली पट्टी बांधकर उपचार करेंगे डॉक्टर: Gonda News
गोंडा: कोलकाता की घटना के विरोध में महाराजा देवीबख्श सिंह राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में चल रही रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल बृहस्पतिवार दोपहर बाद खत्म हो गई। दोपहर 12 बजे तक डॉक्टरों ने धरनास्थल पर जमीन पर बैठकर ही मरीजों का उपचार किया। शुक्रवार से डॉक्टर काली पट्टी बांधकर मरीजों का उपचार करेंगे।मेडिकल कॉलेज में बृहस्पतिवार को दसवें दिन भी रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल जारी रही। सुबह आठ बजे ओपीडी खुली लेकिन सिर्फ वरिष्ठ परामर्शदाता ही ओपीडी में बैठे। अन्य रेजीडेंट डॉक्टर मुख्य गेट पर धरने पर बैठ गए। वहीं पर ओपीडी शुरू कर दी। 18 डॉक्टरों के एकसाथ बैठकर ओपीडी करने के कारण गेट पर मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान मेडिसिन विभाग के फिजीशियन डॉ. राकेश तिवारी व डॉ. रमेश पांडेय ने 235 मरीजों का उपचार किया। नेत्र सर्जन डॉ. आयुषी सरदाना, चर्मरोग विशेषज्ञ डॉ. श्रुति गुप्ता, मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. आकांक्षा शंकर, फिजीशियन डॉ. निहारिका द्विवेदी, रेडियोलॉजिस्ट डॉ. हर्ष सहित अन्य डॉक्टरों ने भी मरीजों का उपचार किया।
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बृहस्पतिवार को दोपहर बाद मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एमडब्ल्यू खान व अस्पताल प्रबंधक डॉ. अनिल वर्मा ने धरनास्थल पर पहुंचकर रेजिडेंट डॉक्टरों से आंदोलन खत्म करने की अपील की। इस दौरान ट्रेनी डॉक्टरों की स्थानीय मांगों के निस्तारण का आश्वासन दिया गया। इस पर रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया। आंदोलन की अगुवाई कर रहे डॉ. राकेश तिवारी ने बताया कि शुक्रवार से रेजिडेंट डॉक्टर काली पट्टी बांधकर ओपीडी करेंगे। शीर्ष नेतृत्व का निर्देश मिलने के बाद ही विरोध प्रदर्शन पूर्ण रूप से समाप्त किया जाएगा। बृहस्पतिवार को दोपहर बाद पर्चा काउंटर व ओपीडी बंद कर शोक अवकाश घोषित कर दिया गया। ओटी टेक्नीशियन आनंद कुमार की मां के निधन के कारण अस्पताल में अवकाश हो गया। सभी डॉक्टर व कर्मियों ने एकत्र होकर शोकसभा की। सीएमएस डॉ. अनिल तिवारी ने बताया कि दोपहर तक मरीजों का उपचार हुआ। इसके बाद सामान्य ओपीडी बंद कर दी गई। इमरजेंसी सेवाएं संचालित रहीं।
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