केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने गुरुवार को इलेक्ट्रिक वाहन (EV) विनिर्माताओं को सब्सिडी जारी रखने की जरूरत से इनकार करते हुए कहा कि अब उपभोक्ता स्वयं ईवी और सीएनजी वाहनों को प्राथमिकता दे रहे हैं। गडकरी ने बीएनईएफ सम्मेलन में कहा कि पहले इलेक्ट्रिक वाहनों की निर्माण लागत अधिक थी लेकिन अब मांग बढ़ने के साथ-साथ उत्पादन लागत भी घट गई है। ऐसी स्थिति में, ईवी पर सब्सिडी की आवश्यकता समाप्त हो गई है।
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उपभोक्ताओं की बदलती पसंद
गडकरी ने कहा, “अब उपभोक्ता अपनी पसंद से ईवी और सीएनजी वाहनों को खरीद रहे हैं। इसलिए, मुझे नहीं लगता कि अब हमें इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अधिक सब्सिडी की जरूरत है।” उन्होंने यह भी बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दर पेट्रोल-डीजल वाहनों की तुलना में बहुत कम है। जहां हाइब्रिड और पेट्रोल-डीजल वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है, वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों पर सिर्फ पांच प्रतिशत जीएसटी लग रहा है।
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सब्सिडी की आवश्यकता पर पुनर्विचार
गडकरी ने स्पष्ट किया कि मौजूदा समय में ईवी को सरकारी सब्सिडी देने की मांग अब उचित नहीं है। इससे पहले, भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने फेम योजना के तीसरे चरण को जल्द ही अंतिम रूप देने की उम्मीद जताई थी, जो मौजूदा ‘फेम-2’ योजना की जगह लेगी। फेम-3 योजना को अगले एक-दो महीने में लागू किया जा सकता है, जो अस्थायी इलेक्ट्रिक परिवहन प्रोत्साहन योजना, 2024 का स्थान लेगी, जो इसी महीने समाप्त हो रही है।
NEWS SOURCE Credit : punjabkesari