उत्तर प्रदेश

दृढ़ इच्छाशक्ति, आपसी समन्वय और संवाद से महज दो वर्ष में इंसेफेलाइटिस पर पाया काबू: सीएम योगी

लखनऊ, 13 सितंबर: पांच वर्ष पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश इंसेफेलाइटिस से ग्रस्त था। वहां 15 जुलाई से 15 नवंबर के बीच 1200 से 1500 मौतें होती थीं। अकेले गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 500 से 700 मौतें होती थीं। यह क्रम पिछले 40 वर्ष से चल रहा था। इस दौरान 50 हजार बच्चों की मौतें हुईं, लेकिन पिछली सरकारों का इससे कोई लेना-देना नहीं था। जब इसे रोकने के लिए सुविधा देनी होती थी तो वह भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाते थे। यह सिस्टम की नाकामी थी। मैंने सांसद रहते हुए सड़क से लेकर सदन तक मुद्​दा उठाया, जिसके बाद काम शुरू हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंफेसेलाइटिस पर लगाम लगाने के लिए गोरखपुर को एम्स दिया। वहीं 2017 में मुख्यमंत्री बनने पर इसे खत्म करने की जिम्मेदारी मेरी हो गयी। इस पर काम शुरू किया गया और वर्ष 2019 में इस पर नियंत्रण पा लिया गया। उसी का परिणाम है कि आज पूर्वी उत्तर प्रदेश इंसेफेलाइटिस से मुक्त हुआ है। आज यहां पर मौत जीरो हो गयी हैं। यह दृढ़ संकल्प और आप सभी के सहयोग से हो पाया है, जबकि इसके खात्मे के बारे में पहले कोई सोच नहीं सकता था।

इसे भी पढ़ें-हिंदी : राजभाषा, राष्ट्रभाषा और विश्वभाषा

ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। वे शुक्रवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चतुर्थ स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए। सीएम योगी ने वार्षिक रिपोर्ट का विमोचन और नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया। इस दौरान सीएम योगी ने कई प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रोफेसर जेआर को मेडल-सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया।

अगले पांच वर्ष में खत्म हो जाएगी डॉक्टरों की कमी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस को लेकर इस बार भी दो बार सर्वे कराया गया, जिसमें सामने आया कि एक भी बच्चे की मौत नहीं हुई है। आज पूर्वी उत्तर प्रदेश खुशहाल है। यह सब बेहतर समन्वय और संवाद से हो पाया। आज इंसेफेलाइटिस को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है, लेकिन अफसोस है कि अब तक इस पर कोई स्टडी पेपर नहीं लिखा गया, जबकि यह सफलता का मॉडल है। वहीं वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी आई तो टीम 11 का गठन कर काबू पाया गया। यह हमें इंसेफेलाइटिस के सफलतापूर्वक समाधान के बाद प्राप्त हुए अनुभव से संभव हुआ। कोविड-19 पर काबू पाने में इसी अनुभव का लाभ प्राप्त हुआ। सीएम योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज की दिशा में तेजी के साथ बढ़ रहा है। पहली बार केंद्र और राज्य सरकार पीपीपी मोड पर भी मेडिकल कॉलेज बनाने की कार्रवाई को बढ़ा रही है। आने वाले अगले 5 से 7 वर्ष में डॉक्टरों की कमी नहीं रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप हम एक जिला एक मेडिकल की कॉलेज की तरफ बढ़ चुके हैं। प्रदेश के सभी पीएचसी, सीएचसी को डॉक्टर मिलेंगे। इसके साथ ही आरएमएल, एसजीपीजीआई, केजीएमयू समेत अन्य संस्थानों को अच्छे विशेषज्ञ चिकित्सक मिलेंगे। इसके लिए हमें टीमवर्क के साथ काम करना होगा। आरएमएल उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत का गेटवे है। यह उपब्लधि ऐसे ही नहीं मिली है। इसके पीछे सकारात्मक सोच और टीमवर्क है।

इसे भी पढ़ें-कहा- विनम्रता रखो मीडिया वालों …, Varun Dhawan के बाद Vijay Verma ने किया मीडियाकर्मी पर गुस्सा

हमारी संस्कृति ही जीवन के विकास का आधार है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ऋषि परंपरा में बीज का वृक्ष बन जाना संस्कृति कहलाता है, जबकि बीज का सड़कर नष्ट हो जाता विकृति कहलाता है। हमारी संस्कृति ही जीवन के विकास का आधार है। ऋषि परंपरा के अनुरूप ही डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान अस्पताल से इंस्टीट्यूट बनकर सबके सामने है। संस्थान उत्तर भारत में चिकित्सा स्वास्थ्य का बेहतरीन केंद्र बनकर उभर रहा है। यह संस्थान की बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि अच्छे काम करने पर परिणाम भी अच्छे आते हैं। एक संस्थान बना देना समस्या का समाधान नहीं होता, यह किन हाथों में है, यह महत्वपूर्ण होता है। सीएम योगी ने कहा कि लखनऊ उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ी सिटी है। यहां लगभग 70 लाख की आबादी निवास करती है। आरएमएल की पहचान पूर्वी उत्तर प्रदेश के गेटवे के रूप में होती है। यह अस्पताल से बढ़ करके 1300 बेड के बड़े संस्थान के रूप में विकसित हो करके सबके सामने है। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अकेला ऐसा राज्य है, जहां 5 करोड़ 11 लाख से अधिक आयुष्मान भारत के गोल्डन कार्ड जारी किये जा चुके हैं। यूनियन कैबिनेट ने 70 वर्ष से ऊपर के हर एक व्यक्ति को आयुष्मान कार्ड का लाभ देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि 5 वर्ष से 7 वर्ष पहले इसके बारे में कोई सोच नहीं सकता था। उन्हाेंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष से बिना भेदभाव के इलाज के लिए पैसे दिये जा रहे हैं। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा, संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह, प्रो. अजय कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button