Paraspur/ Vishunpur Kala: देवीपाटन मंडल परिक्षेत्र के ब्लॉक परसपुर के ग्राम सभा विशुनपुर कला अंतर्गत शुक्रवार को देवीपाटन मंडल के उप गन्ना आयुक्त ने शरद कालीन गन्ना बुवाई का फीता काट कर शुभारंभ किया तथा प्रगतिशील किसान तहसीलदार सिंह को शुभकामना दिया।
मंडल के उप गन्ना आयुक्त देवीपाटन मंडल ने इस मौके पर उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए जानकारी दिया। कि शरद काल में बुवाई किए गए गन्ना का उत्पादन बसंत कालीन बुवाई की अपेक्षाकृत काफी बेहतर होता है तथा गन्ना में बीमारी भी तुलनात्मक दृष्टि से कम लगती है उन्होंने कहा कि किसान भाई गन्ने के साथ सहफसली खेती कर ज्यादा लाभ कमा सकते हैं व किसान भाइयों को० 0118 प्रजाति की गन्ने के बुवाई के लिए कहा और बताया कि को० 0238 गन्ना प्रजाति जो की लाल सड़न रोग ग्राषित का बुवाई कदापि न करें। तथा फफूंद नाशक का प्रयोग अवश्य करें।
प्रति एकड़ करीब 300 से 500 कुंटल तक होगी गन्ने की पैदावार
सहफसली खेती से किसानों को एक साथ कई पैदावार मिलती है इसके साथ ही साथ गन्ने का उत्पादन भी बेहतर होता है इसकी खेती से किसान को प्रति एकड़ 300 से 500 कुंटल तक गन्ने की पैदावार मिलती है। जबकि बसंतकालीन गन्ने की खेती से प्रति एकड़ करीब 250 से 300 कुंटल तक की पैदावार मिलती है। प्रगतिशील किसान तहसीलदार सिंह का कहना है कि जिले में सौ से अधिक किसान शरदकालीन गन्ने के साथ सहफसली खेती कर सकते है।
श्री सिंह ने कहा कि शरदकालीन गन्ने की खेती के लिए 15 सितंबर से 30 नवंबर तक उपयुक्त समय है। गन्ने की सहफसली खेती के लिए किसान गन्ने की दो पंक्ति के बीच आलू, लहसुन, गेहूं, गोभी, टमाटर, धनिया, मटर, आदि की खेती कर सकते है। सहफसली खेती के लिए किसान नाली विधि (ट्रेंच विधि) से गन्ने की खेती की जाती है। इसके लिए खेत अच्छी जुताई करना चाहिए। उसके बाद अंतिम जुताई के साथ किसानी को खेत में समान रूप से गोबर की सड़ी खाद मिट्टी में मिला देना चाहिए। इसे खेत पूरी तरह तैयार हो जाता है।
इस मौके पर उप गन्ना आयुक्त देवीपाटन मंडल, इकाई प्रमुख, जी एम, उप प्रबंधक राणा प्रताप सिंह, शैलेंद्र सिंह, वा क्षेत्रीय किसान उपलब्ध रहे।