सिर्फ NCH को 1 साल में मिलीं 10,000 से ज्यादा शिकायतें, Ola Electric का स्कूटर खरीद बुरे फंसे लोग
ओला इलेक्ट्रिक का इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने वाले हजारों ग्राहक अलग-अलग समस्याओं को लेकर परेशान हैं। ग्राहक अपने स्कूटर में अलग-अलग समस्याओं की शिकायत कर रहे हैं। लेकिन ग्राहकों की यही समस्याएं, ओला इलेक्ट्रिक के लिए बहुत बड़ा सिरदर्द बन गई हैं। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली कंपनी ओला के खिलाफ एक साल में क्वालिटी और पोस्ट-सेल्स सर्विस से जुड़ी 10,000 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों का समाधान नहीं होने के बाद उपभोक्ता अधिकार नियामक सीसीपीए ने ओला के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
ओला इलेक्ट्रिक ने ग्राहकों की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया
सीसीपीए ने ओला इलेक्ट्रिक को इस मामले में नोटिस जारी किया है। सूत्रों के मुताबिक नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) को पिछले एक साल से ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ शिकायतें मिल रही थीं। समाधान के लिए इन शिकायतों को कंपनी के हाई कमान तक भेजा गया, लेकिन कंपनी ने इन शिकायतों का समाधान करने में वो दिलचस्पी नहीं दिखाई, जो उन्हें दिखानी चाहिए थी। सूत्र ने कहा कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने सामूहिक कार्रवाई शुरू करते हुए इन शिकायतों की जांच शुरू की और पाया कि पिछले एक साल में NCH को 10,000 से ज्यादा शिकायतें मिलीं।
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ग्राहकों को किस तरह की दिक्कतों का करना पड़ रहा सामना
सूत्र के अनुसार, ग्राहकों की शिकायतों में फ्री सर्विस पीरियड/वॉरंटी के दौरान पैसे लेना, देरी से और असंतोषजनक सर्विस, वॉरंटी सर्विसेज में देरी या सीधा सर्विस से मना कर देना, अपर्याप्त सर्विस, सर्विस के बावजूद बार-बार खराबी आना, किए गए दावों का गलत होना, ज्यादा पैसे लेना और गलत चालान शामिल हैं। एक सूत्र ने कहा कि इसके अलावा, रिफंड और डॉक्यूमेंट्स उपलब्ध कराने में विफलता, नॉन-प्रोफेशनल बिहेवियर, बिना समाधान शिकायत बंद करना, बैटरी और स्पेयर पार्ट्स से जुड़े कई मुद्दे भी हैं।
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ओला इलेक्ट्रिक को नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिनों का समय
सीसीपीए के अनुसार, ओला इलेक्ट्रिक को कारण बताओ नोटिस जारी करने के प्रमुख कारणों में उपभोक्ता अधिकारों का कथित उल्लंघन, सेवाओं में कमी, भ्रामक दावे और अनुचित व्यापार व्यवहार शामिल हैं। सीसीपीए ने 7 अक्टूबर को ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया और कंपनी को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया। नोटिस जारी करने से पहले चीफ कमिश्नर निधि खरे और कमिश्नर अनुपम मिश्रा की अध्यक्षता में सीसीपीए ने सामूहिक कार्रवाई के लिए उपभोक्ता शिकायतों की जांच की।
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