दिग्गज कारोबारी और समाजसेवी रतन टाटा (Ratan Tata) अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने न केवल टाटा ग्रुप (Tata Group) को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि अपने कर्मचारियों और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभाया, जो अन्य कंपनियों के लिए प्रेरणा बन गया है। रतन टाटा के निधन के बाद लोग उन्हें याद कर रहे हैं और अपनी-अपनी कहानियां साझा कर रहे हैं। एक ऐसी ही कहानी टाटा ग्रुप के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म टाटा क्लिक (Tata Cliq) के एक पूर्व कर्मचारी भारती चिकारा ने बताया कि जब उन्होंने कंपनी को ज्वॉइन किया था, तो उनके माता-पिता को कंपनी के चीफ पीपुल ऑफिसर की तरफ से एक पत्र मिला। इसमें उन्होंने मेरे कैरियर को बनाने के लिए माता-पिता द्वारा किए गए त्याग का धन्यवाद दिया था। यह पत्र मेरे पूरे परिवार को भावुक कर देने वाला था। ऐसी संस्कृति किसी और कारोबारी समूह में कहां देखने को मिलती है। उनके अलावा टाटा क्लिक में कॉपीराइटर का काम कर चुकीं श्रेयषी घोष ने बताया कि रतन टाटा सिद्धांतों पर चलते थे। वह नए विचारों को बढ़ावा देते थे। उन्होंने टाटा ग्रुप पर अपनी अमित छाप छोड़ी है। वह हम सभी को प्रेरित करते रहेंगे।
इसे भी पढ़ें-Canada Express Entry Draw: Canada ने 1,000 Candidates को PR अप्लाई करने का आमंत्रण दिया 10 अक्टूबर को
टाटा ग्रुप का वर्क कल्चर शानदार, कर्मचारियों का रखा जाता है ध्यान
कंपनी के एक पूर्व कर्मचारी रचित टंडन ने बताया कि टाटा क्लिक का वर्क कल्चर शानदार था। मुझे आज भी खुशी होती है कि मैं एक ऐसी कंपनी का हिस्सा रहा, जहां कर्मचारियों और समाज का पूरा ख्याल रखा जाता है। उन्होंने रतन टाटा से जो कुछ सीखा, उसे वह अपने कैरियर में लागू करने की पूरी कोशिश करेंगे। आने वाली कई पीढ़ियां रतन टाटा के सिद्धांतों को याद करेंगी। रतन टाटा ने 86 वर्ष की उम्र में 9 अक्टूबर को मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। अब उनकी जगह नोएल टाटा (Noel Tata) को टाटा ट्रस्ट्स (Tata Trusts) का नया चेयरमैन चुना गया है।
NEWS SOURCE Credit : punjabkesari