ईमेल सर्वर भी क्रैश, इस कदर पड़ा था TV शो में हीरो की मौत का असर, घर के बाहर सफेद साड़ी में औरतों की भीड़
एक दौर था जब ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ टीवी का सबसे पॉपुलर शो था। इसकी टीआरपी का कोई तोड़ नहीं था। दर्शक अपना सारा काम-काज छोड़कर इस टीवी सीरियल को देखने में जुट जाते हैं और अगर गलती से ये शो मिस हो भी गया तो लोग इसे रिपीट टेलीकास्ट में जरूर देखते थे। इस धारावाहिक शो में कई ऐसे मोड़ आए जिन्होंने लोगों को हैरान किया। कई शादियां, कई मौतें, मातम और फिर अचानक ही किसी का जिंदा हो जाना इस शो में आम बात थी, लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा कि इसके बाद भी इस शो को देखने वालों की कोई कमी नहीं थी। कई लोग इसके किरदारों को परिवार के सद्सयों की तरह मानने लगे थे और इसके लीड एक्टर्स की फैन फॉलोइंग इस कदर थी कि बाहर निकलने पर उन्हें भीड़ घेर लेती थी। स्मृति इरानी के साथ ही अमर उपाध्याय इस शो में लीड एक्टर थे।
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जब शो में आया ये मोड़…
‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में स्मृति इरानी ने तुलसी विरानी का किरदार निभाया था, वहीं अमर उपाध्याय ने इस शो में मिहिर का रोल प्ले किया। शो में एक मोड़ आया जब मिहिर की मौत दिखाई गई। शो में मातल पसरने के साथ ही दर्शकों के घरों में भी मातम पसर गया। उस दौर में कई लोग इसे सच्ची घटना भी मान बैठे और सोचे कि असल में मिहिर की मौत हुई है। अब इस शो के खत्म होने के सालों बाद शो के लीड हीरो अमर उपाध्याय ने शो को लेकर बात की और इससे जुड़े कई खुलासे भी किए। उन्होंने बताया कि जब ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में उनके किरदार ‘मिहिर’ की मौत हुई तो पूरा देश सदमे में था और महिलाएं उनके घर शोक मनाने आ गई थीं।
मिहिर की मौत पर हुआ था ऐसा हाल
उन्होंने इस बारे में विस्तार से बातते हुए कहा, ‘एकता ने मिहिर की मौत के पूरे एपिसोड को इतना बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया था कि जब आखिरकार यह हुआ तो हर तरफ अफरा-तफरी मच गई। जब यह एपिसोड पहली बार प्रसारित हुआ तो मुझे याद है कि मेरी मां इसे देखकर रो रही थीं और मैं ऐसा महसूस कर रहा था, ‘मैं जिंदा हूं, आपके बगल में बैठा हूं।’ देर रात मुझे बालाजी टेलीफिल्म्स से फोन आया कि उनके ईमेल सर्वर क्रैश हो गए हैं और टेलीफोन लाइनें जाम हो गई हैं क्योंकि मिहिर की मौत पर बहुत हंगामा हो रहा है।’
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घर के बाहर जमा हो गई थीं औरतें
एक्टर ने इसी कड़ी में आगे बताया, ‘मैं उठा और दरवाजे की घंटी बजी। मेरे घर के बाहर 15-20 महिलाएं खड़ी थीं, सभी ने सफेद साड़ी पहन रखी थी। मुझे देखते ही वे चौंक गईं। जब मेरी मां ने उन्हें पूछा कि वो क्यों आई हैं तो उन्होंने कहा कि वे मिहिर की मौत पर शोक मनाने आई हैं। मेरी मां गुस्से में आ गईं। उन्होंने उन्हें डांटा और भगा दिया।’ वैसे सालों बाद सुनने में ये किस्सा फनी जरूर लगेगा।
NEWS SOURCE Credit : indiatv