दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है और पिछले कुछ दिनों से हवा की गुणवत्ता बहुत गंभीर श्रेणी में बनी हुई है, जिससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है. वॉकिंग निमोनिया आम तौर पर निमोनिया से कम गंभीर होता है और न अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है.
क्या है वॉकिंग निमोनिया?
माइकोप्लाज्मा निमोनिया नामक बैक्टेरिया वॉकिंग निमोनिया को पैदा करता है, जो हल्का लेकिन कभी-कभी गंभीर इंफेक्टशन पैदा कर सकता है. इसे शरीर का नॉर्मल चेकअप या एक्सरे से पता लगाया जा सकता है.
क्या है लक्षण?
जिस व्यक्ति को वॉकिंग निमोनिया है, उसे बुखार, गले में खराश और खांसी की शिकायत हो सकती है, साथ ही सांस लेने में कुछ कठिनाई भी हो सकती है. यह बीमारी छींकने या खांसने से फैल सकती है, इसलिए दूसरे व्यक्ति में भी बीमारी फैल सकती है. यह बीमारी भीड़भाड़ वाले इलाकों में ज्यादा फैलती है, इसलिए बाजारों के साथ-साथ स्कूलों और कॉलेजों में जाने वाले बच्चों को इससे बचने की जरूरत है. घर से बाहर निकलने से पहले मास्क पहन सकते हैं.
दिल्ली के 38 निगरानी केंद्रों में से 9 में AQI 373 और वायु गुणवत्ता ‘‘बेहद खराब’’ श्रेणी में रही, जबकि न्यूनतम तापमान 11.3 डिग्री सेल्सियस था. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, ये केंद्र आनंद विहार, बवाना, जहांगीरपुरी, मुंडका, नेहरू नगर, शादीपुर, सोनिया विहार, विवेक विहार और वजीरपुर हैं. 400 या इससे अधिक AQI गंभीर श्रेणी में हैं और इससे स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है.
रविवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता पहली बार गंभीर श्रेणी को पार कर गई, जिसके बाद सोमवार सुबह ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (GAP) के तहत चरण 4 के प्रतिबंध लागू किए गए. इन उपायों में निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध, स्कूलों को बंद करना और वाहनों पर सख्त प्रतिबंध शामिल हैं.
NEWS SOURCE Credit : lalluram