MahaKumbh 2025: बीमारी बताने में AI Translator करेगा मदद, श्रद्धालुओं के इलाज में भाषा नहीं बनेगी बाधा
MahaKumbh 2025: महाकुंभ के दौरान संगमनगरी में देश-विदेश से श्रद्धालु आएंगे। इस दौरान अगर किसी बाहरी राज्य या विदेशी श्रद्धालु को बीमारी होती है, तो उन्हें इलाज में भाषा की दिक्कत नहीं होगी। इसके लिए एआई ट्रांसलेटर ऐप का सहारा लिया जाएगा। यह ऐप मरीजों को अपनी भाषा में डॉक्टर से बीमारी के बारे में बताने का मौका देगा, और एप मरीज की बोली को हिंदी या अंग्रेजी में बदलकर डॉक्टर तक पहुंचाएगा।
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एप में देश की 22 भाषाएं और विदेश की 19 भाषाएं शामिल
इस एआई ट्रांसलेटर ऐप का उपयोग देश में पहली बार छावनी सामान्य अस्पताल के आईसीयू वार्ड में किया जाएगा। इस एप में देश की 22 भाषाएं और विदेश की 19 भाषाएं शामिल हैं। इनमें तमिल, तेलुगु, मलयालम, बंगाली समेत कई राज्यों की भाषाएं शामिल हैं। वहीं, अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में अंग्रेजी, अरबी, फ्रेंच और अन्य 19 भाषाएं हैं। महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को इलाज में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए छावनी अस्पताल के डॉक्टरों के फोन में इस एप को इंस्टॉल किया जाएगा।
मेला क्षेत्र में पहली बार तैयार किया गया 30 बेड का ICU
महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में पहली बार 30 बेड का आईसीयू भी तैयार किया गया है। इसमें सेंट्रल हॉस्पिटल और अरैल के सब हॉस्पिटल में 10-10 बेड की व्यवस्था की गई है। वहीं, झूंसी के सब हॉस्पिटल में 10 बेड आईसीयू की सुविधा रायबरेली एम्स देगा। इसके अलावा, छावनी सामान्य अस्पताल के 20 आईसीयू बेड में भी एआई ट्रांसलेटर एप की सुविधा होगी। इन बेड्स के पास माइक लगाया जाएगा, जिससे मरीज अपनी भाषा में डॉक्टर से बात कर सकेंगे। डॉक्टर जो भी बोलेंगे, वह मरीज को उनकी भाषा में समझ में आ जाएगा। कैंटोनमेंट बोर्ड का दावा है कि यह पद्धति देश के किसी भी अस्पताल में पहली बार इस्तेमाल की जा रही है। इसके साथ ही, छावनी सामान्य अस्पताल में एआई कैमरे भी लगाए जाएंगे। इन कैमरों से लखनऊ के वरिष्ठ चिकित्सक मरीजों की निगरानी रखेंगे। एआई कैमरों से मरीज की हालत बिगड़ने की सूचना सीधे डॉक्टर के पास पहुंच जाएगी, ताकि तुरंत इलाज किया जा सके।