वोटिंग से पहले ‘थाली-घंटी’ बजाने की अपील, पीएम मोदी की रणनीति के पीछे क्या है राजनीतिक गणित?
वोटिंग से पहले ‘थाली-घंटी’ बजाने की अपील, पीएम मोदी की रणनीति के पीछे क्या है राजनीतिक गणित?
नई दिल्ली: आगामी चुनावों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मतदाताओं से थाली और घंटी बजाते हुए वोट डालने की अपील की है। इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। विपक्ष इसे चुनावी रणनीति बता रहा है, जबकि भाजपा इसे लोकतंत्र का उत्सव करार दे रही है। सवाल यह उठता है कि पीएम मोदी की इस अपील के पीछे असल में क्या राजनीतिक चाल है?
क्या है पीएम मोदी की अपील?
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि “लोगों को वोट डालने के लिए थाली और घंटी बजाते हुए जाना चाहिए, ताकि लोकतंत्र का उत्सव मनाया जा सके और मतदाता जागरूकता बढ़े।” उनकी इस अपील के बाद सोशल मीडिया पर यह मुद्दा गर्मा गया है।
राजनीतिक रणनीति या मतदाता जागरूकता अभियान?
विश्लेषकों का मानना है कि यह सिर्फ एक सामान्य अपील नहीं बल्कि एक सुनियोजित राजनीतिक रणनीति हो सकती है। इसके पीछे दो प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं:
- धार्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव: थाली और घंटी बजाना भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जुड़ा है। भाजपा इसे अपनी कोर वोट बैंक को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल कर सकती है।
- मतदाता जागरूकता: चुनावों में कम मतदान एक बड़ी समस्या है। पीएम मोदी की इस अपील से जनता में मतदान को लेकर उत्साह बढ़ सकता है।
विपक्ष ने क्यों उठाए सवाल?
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे “राजनीतिक स्टंट” करार दिया है। विपक्ष का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी धार्मिक भावनाओं को वोट बैंक की राजनीति के लिए भुनाने की कोशिश कर रहे हैं।
जनता का रुख क्या होगा?
अब देखने वाली बात यह होगी कि जनता इस अपील को किस तरह लेती है। क्या यह सच में मतदाता जागरूकता अभियान के रूप में सफल होगा या फिर यह सिर्फ एक चुनावी रणनीति बनकर रह जाएगा?