वक्फ विधेयक पर विवाद: विपक्ष ने जताई आपत्ति, गुरुद्वारों और चर्चों पर असर का दावा
विपक्षी दलों ने जेपीसी की रिपोर्ट का किया विरोध, वक्फ विधेयक को धार्मिक स्थलों के लिए खतरा बताया।

वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद में हंगामा, विपक्ष ने जताई असहमति
संसद के वर्तमान बजट सत्र के पहले चरण का आज आखिरी कामकाजी दिन है। इस दौरान संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर अपनी रिपोर्ट गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा में पेश की। रिपोर्ट पेश होते ही विपक्षी दलों ने इसका कड़ा विरोध किया और सदन में जोरदार हंगामा किया।
विपक्ष का आरोप: असहमति नोट हटाए गए
विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि जेपीसी की रिपोर्ट में उनके असहमति नोटों के कुछ हिस्सों को जानबूझकर हटा दिया गया है। उनका कहना है कि यह कदम विधेयक को पक्षपातपूर्ण तरीके से आगे बढ़ाने के इरादे से उठाया गया है।
धार्मिक संपत्तियों पर असर की आशंका
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), आम आदमी पार्टी (AAP) और अन्य विपक्षी दलों ने आशंका जताई कि यह विधेयक अन्य धार्मिक समुदायों की संपत्तियों को प्रभावित कर सकता है। विपक्ष का कहना है कि वक्फ संशोधन के नाम पर गुरुद्वारों, चर्चों और अन्य धार्मिक स्थलों की संपत्तियों को निशाना बनाने का रास्ता खोला जा सकता है।
सरकार की सफाई
सरकार की ओर से सफाई दी गई कि इस विधेयक का मकसद वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों में पारदर्शिता लाना और कानूनी विवादों को सुलझाना है। साथ ही, सरकार ने विपक्ष के आरोपों को निराधार बताया और विधेयक को न्यायसंगत करार दिया।
आगे की रणनीति
विपक्ष ने इस मुद्दे को संसद में और भी जोरशोर से उठाने की रणनीति बनाई है। संभावना है कि आने वाले दिनों में इस पर संसद के भीतर और बाहर तीखी बहस देखने को मिलेगी।