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अजमेर बंद 1 मार्च 2025 : बिजयनगर ब्लैकमेलिंग कांड और धर्मांतरण के विरोध में व्यापक प्रदर्शन

बिजयनगर ब्लैकमेलिंग कांड के विरोध में अजमेर बंद, मुस्लिम समाज के लोगों ने दुकानें बंद रखकर दिया समर्थन

अजमेर : बिजयनगर में नाबालिग बच्चियों के साथ हुए ब्लैकमेलिंग कांड और धर्मांतरण की घटना के विरोध में शनिवार को अजमेर बंद का आह्वान किया गया। इस विरोध प्रदर्शन को 124 से अधिक संगठनों का समर्थन प्राप्त था। इस दौरान दरगाह क्षेत्र में मुस्लिम समाज के लोगों ने भी बंद का समर्थन करते हुए अपनी दुकानें बंद रखीं।

शहरभर में बंद का असर

सुबह से ही अजमेर के प्रमुख बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। हालांकि, दरगाह बाजार में कुछ दुकानें खुली रहीं, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने दुकानदारों से अपील कर प्रतिष्ठान बंद करने के लिए राजी कर लिया। विभिन्न संगठनों द्वारा बुलाए गए इस बंद को व्यापारियों और आम नागरिकों का भी समर्थन मिला।

विरोध-प्रदर्शन और विशाल रैली

गांधी भवन चौराहे से एक विशाल रैली निकाली गई, जो विभिन्न मार्गों से होते हुए जिला कलेक्टर कार्यालय तक पहुंची। हजारों प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर नारेबाजी की और आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा देने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने “हमें चाहिए योगी मॉडल” और “दोषियों को सरेआम फांसी दो” जैसे नारे लगाए।

आवश्यक सेवाएं बनी रहीं सुचारू

हालांकि, बंद के बावजूद स्कूल-कॉलेज, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसियां, अस्पताल और अन्य आवश्यक सेवाएं सामान्य रूप से संचालित होती रहीं। प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए, जिससे आम जनता को किसी प्रकार की परेशानी न हो।

प्रशासन और नेताओं की प्रतिक्रिया

अजमेर नगर निगम के डिप्टी मेयर नीरज जैन ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ शीघ्र सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। हिंदू संगठनों के नेताओं ने भी सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की और चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने उचित कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

शहर में कड़ी सुरक्षा, पुलिस प्रशासन सतर्क

बंद को देखते हुए अजमेर पुलिस पूरी तरह सतर्क रही। प्रमुख बाजारों और संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। अधिकारियों ने जनता से शांति बनाए रखने और किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचने की अपील की।

जनता में आक्रोश, न्याय की मांग

बिजयनगर की यह घटना समाज को झकझोर देने वाली है। स्थानीय लोगों में इसको लेकर गहरा आक्रोश है, और वे पीड़ित बच्चियों को न्याय दिलाने के लिए एकजुट हो गए हैं। इस बंद और रैली के जरिए जनता ने प्रशासन पर दबाव बनाया कि वह दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाए। यह संदेश स्पष्ट है कि समाज इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा और न्याय के लिए हरसंभव कदम उठाएगा।

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