बड़ा फैसला: दिल्ली में 1 अप्रैल से 15 साल पुराने वाहनों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, ऐसे होगी पहचान
दिल्ली में पुराने वाहनों पर प्रतिबंध: 1 अप्रैल से 15 साल पुराने पेट्रोल-डीजल वाहनों पर रोक, ऐसे होगी पहचान

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बड़ा फैसला लिया है। 1 अप्रैल 2024 से राजधानी में 15 साल पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों को पेट्रोल पंपों से ईंधन नहीं मिलेगा। इस फैसले को लागू करने के लिए विशेष टीम का गठन किया जाएगा, जो इन वाहनों की पहचान कर कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। इसके साथ ही सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक बसों में बदलने की योजना बनाई गई है।
पर्यावरण को लेकर सख्त कदम
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए कई कड़े कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राजधानी में बड़ी इमारतों, होटलों, वाणिज्यिक परिसरों और निर्माण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य होगा। दिल्ली सरकार इस फैसले को लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय को भी सूचित करेगी।
ईंधन नहीं मिलेगा, बढ़ेगी सख्ती
सरकार के इस फैसले के बाद 31 मार्च के बाद से दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर 15 साल पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाएगा। इसका असर उन वाहन मालिकों पर भी पड़ेगा जो अन्य राज्यों से दिल्ली आते हैं। इस नियम को सख्ती से लागू करने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा।
इलेक्ट्रिक बसों का होगा संचालन
दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि इस साल के अंत तक 90 प्रतिशत सार्वजनिक सीएनजी बसों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। इनकी जगह पर इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा उतारा जाएगा। सरकार का लक्ष्य सार्वजनिक परिवहन को अधिक पर्यावरण अनुकूल बनाना है।
जंगलों का विस्तार और कृत्रिम वर्षा की योजना
दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने के लिए कई नई योजनाओं पर भी विचार कर रही है।
- दिल्ली की खाली जमीनों पर जंगल तैयार किए जाएंगे ताकि हरित क्षेत्र में वृद्धि हो सके।
- विश्वविद्यालय के छात्रों को पौधारोपण अभियानों में जोड़ा जाएगा।
- कृत्रिम वर्षा (क्लाउड सीडिंग) की योजना भी बनाई जा रही है, जिससे गंभीर प्रदूषण की स्थिति में राहत मिल सके।
कूड़े के पहाड़ होंगे खत्म
दिल्ली में मौजूद कूड़े के पहाड़ को खत्म करने की भी योजना बनाई गई है। सिरसा ने कहा कि अगले एक से डेढ़ साल के भीतर इन कूड़े के ढेरों को साफ कर दिया जाएगा। उन्होंने पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिए गए फंड का सही उपयोग नहीं किया गया।
प्रदूषण के खिलाफ जंग तेज
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को तीन प्रमुख भागों में बांटकर उस पर काम करने की योजना बनाई है:
- डस्ट प्रदूषण: निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के लिए विशेष उपाय किए जाएंगे।
- वाहन प्रदूषण: पुराने वाहनों पर प्रतिबंध के साथ ही सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक में बदला जाएगा।
- निर्माण प्रदूषण: ऊंची इमारतों और निर्माण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन अनिवार्य की जाएगी।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रदूषण के लिए जिम्मेदार लोगों को ही इसका समाधान निकालना होगा। दिल्ली का अपना प्रदूषण 50 प्रतिशत से अधिक है और सरकार इसे नियंत्रित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।