
माह-ए-रमजान : की पवित्र घड़ियां शुरू हो चुकी हैं। रमजान के पहले चांद के दीदार के साथ ही मुस्लिम समुदाय में खुशी की लहर दौड़ गई। मस्जिदों में तरावीह की नमाज अदा की गई और इबादत का सिलसिला शुरू हो गया।
रोज़ेदारों ने सुबह सहरी खाकर पहला रोज़ा रखा, जो 13 घंटे 08 मिनट का होगा।
मस्जिदों में गूंजे कुरआन की तिलावत के सुर
रमजान के पहले दिन से ही मस्जिदों में कुरआन की तिलावत और इबादत का माहौल बना हुआ है। इस्लाम धर्म में रमजान का महीना विशेष महत्व रखता है, इस दौरान रोज़ेदार पूरे महीने अल्लाह की इबादत, रोज़ा, नमाज और दुआओं में मशगूल रहते हैं। मस्जिदों में रात को विशेष तरावीह की नमाज अदा की जा रही है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं।
पहला रोज़ा रहेगा 13 घंटे 08 मिनट का
पहले रोज़े की सहरी सुबह 4:58 बजे हुई, जबकि इफ्तार शाम 6:06 बजे होगा। इस तरह, पहला रोज़ा 13 घंटे 08 मिनट का रहेगा। जैसे-जैसे रमजान के दिन आगे बढ़ेंगे, रोज़े की अवधि भी कुछ मिनटों तक बढ़ती जाएगी।
रमजान का महत्व और परंपराएं
🔹 रमजान इस्लाम का सबसे पवित्र महीना है, जिसमें रोज़ेदार सहरी से लेकर इफ्तार तक बिना कुछ खाए-पिए अल्लाह की इबादत करते हैं।
🔹 इस महीने को सब्र, नेकी और परहेज़गारी का महीना माना जाता है।
🔹 रमजान में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना, दान-पुण्य और जकात देना बेहद पुण्यदायी माना जाता है।
🔹 इस दौरान लोग रात में तरावीह की नमाज अदा करते हैं और कुरआन शरीफ की तिलावत करते हैं।
मस्जिदों में किए गए खास इंतजाम
रमजान के मद्देनजर स्थानीय मस्जिदों में साफ-सफाई, रोशनी और सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। रोज़ेदारों की सुविधा के लिए मस्जिद प्रशासन ने सहरी और इफ्तार की व्यवस्थाएं भी की हैं।
रमजान के दौरान विशेष धार्मिक आयोजन
🔹 शब-ए-कद्र: रमजान के अंतिम दस दिनों में आने वाली इस रात को सबसे ज्यादा पुण्यकारी माना जाता है।
🔹 जुमा की विशेष नमाज: हर शुक्रवार को रमजान के दौरान विशेष नमाज अदा की जाती है।
🔹 ईद-उल-फितर: रमजान के पूरे महीने के बाद ईद का त्यौहार मनाया जाएगा, जिसमें रोज़ेदार पूरे महीने की इबादत और त्याग के बाद जश्न मनाएंगे।
रमजान के संदेश
🔹 संयम और आत्मसंयम का महीना
🔹 गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना
🔹 अल्लाह की इबादत और दुआओं में मग्न रहना
🔹 सद्भावना और भाईचारे को बढ़ावा देना
रमजान के इस पवित्र महीने में सभी रोज़ेदारों को शुभकामनाएं!