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PM Modi: ‘RSS को समझना आसान नहीं, इसके कामकाज को समझना होगा’; पॉडकास्ट में पीएम ने बताया संघ से अपना जुड़ाव

पीएम मोदी ने बताया संघ से अपना जुड़ाव, कहा - RSS को समझने के लिए उसके कामकाज को जानना जरूरी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के प्रसिद्ध पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ अपने जीवन, आरएसएस से जुड़ाव, पाकिस्तान, लोकतंत्र और भारत की सांस्कृतिक विरासत पर विस्तृत चर्चा की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि “RSS को समझना आसान नहीं, इसके कामकाज को समझना होगा।”

RSS से जुड़ाव पर पीएम मोदी

पीएम मोदी ने बताया कि बचपन से ही वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े रहे हैं। उन्होंने कहा, “RSS ने मुझे राष्ट्र सेवा और अनुशासन का महत्व सिखाया।” संघ के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यह दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है और इसके सदस्य समाज सेवा को ही ईश्वर की सेवा मानते हैं।

उन्होंने बताया कि आरएसएस के कुछ सदस्यों ने शिक्षा में क्रांति लाने के लिए ‘विद्या भारती’ नामक संगठन की स्थापना की, जिसके तहत भारत में 25,000 से अधिक स्कूल संचालित होते हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि “जहां वामपंथी संगठन ‘दुनिया के मजदूरों, एक हो जाओ’ का नारा लगाते हैं, वहीं RSS का श्रमिक संगठन ‘मजदूरों, दुनिया को एक करो’ पर विश्वास रखता है।”

पाकिस्तान को लेकर दिया बड़ा बयान

पाकिस्तान पर पूछे गए सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि “हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान को सद्बुद्धि मिलेगी और वे शांति का रास्ता चुनेंगे।” उन्होंने बताया कि अपने पहले शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने पाकिस्तान को आमंत्रित किया था ताकि दोनों देशों के बीच नए रिश्तों की शुरुआत हो सके, लेकिन भारत की शांति की हर पहल को दुश्मनी और विश्वासघात का सामना करना पड़ा।

‘मेरी ताकत मेरे नाम में नहीं, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों में है’

पीएम मोदी ने कहा कि जब वह किसी भी विश्व नेता से हाथ मिलाते हैं, तो वह केवल नरेंद्र मोदी नहीं होते, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा, “मेरी ताकत मेरे नाम में नहीं, बल्कि देश के लोगों और भारत की गौरवशाली संस्कृति में निहित है।”

लेक्स फ्रिडमैन ने की पीएम मोदी की तारीफ

पॉडकास्ट के दौरान लेक्स फ्रिडमैन ने कहा कि पीएम मोदी उनके अब तक पढ़े गए सबसे आकर्षक व्यक्तित्वों में से एक हैं। उन्होंने इस इंटरव्यू से पहले भारत के इतिहास और संस्कृति पर गहन अध्ययन किया और इसे लेकर बेहद उत्साहित थे।

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