
नई दिल्ली – 15 फरवरी की रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 14-15 पर हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई थी और एक दर्जन से अधिक यात्री घायल हो गए थे। घटना के बाद रेलवे प्रशासन ने पांच अधिकारियों को उनके पद से हटा दिया है। हालांकि, एक महीने बाद भी इस मामले में पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है।
रेलवे की जांच और अधिकारियों की जिम्मेदारी
रेलवे प्रशासन ने 4 मार्च को चार अलग-अलग आदेश जारी कर जिन पांच अधिकारियों को उनके पद से हटाया, उनमें शामिल हैं:
- महेश यादव – स्टेशन डायरेक्टर
- आनंद मोहन – डिवीजनल कॉमर्शियल मैनेजर (सीनियर डीसीएम)
- सुखविंदर सिंह – डिवीजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम)
- विक्रम सिंह राणा – एडिशनल डिवीजनल रेलवे मैनेजर (एडीआरएम)
- महेश चंद सैनी – रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के असिस्टेंट सिक्योरिटी कमिश्नर
इनमें से दो अधिकारियों को अन्य स्थानों पर फिर से तैनाती दी गई है। रेलवे सूत्रों के अनुसार, लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर केवल तबादले तक की कार्रवाई नहीं होगी, बल्कि उच्च स्तरीय जांच के बाद सख्त कदम उठाए जाएंगे।
पिछली भगदड़ की घटनाएं और अधूरी जांच
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यह पहली भगदड़ नहीं थी। इससे पहले भी दो बार भगदड़ हो चुकी है, लेकिन उन मामलों में जांच अधूरी रह गई।
1. 13 नवंबर 2004 – छठ पर्व पर भगदड़
- प्लेटफॉर्म 2-3 पर छठ पर्व के दौरान भीड़ बढ़ने से भगदड़ मच गई।
- 5 महिलाओं की मौत और 10 लोग घायल हुए।
- पुलिस ने मामला दर्ज किया, लेकिन 2 साल बाद अनट्रेस रिपोर्ट दाखिल कर जांच बंद कर दी गई।
2. 2010 – विक्रमशिला एक्सप्रेस भगदड़
- प्लेटफॉर्म 12-13 पर ट्रेन बदलने की सूचना से भगदड़ मची।
- 2 यात्रियों की मौत और 6 लोग घायल हुए।
- 2 साल बाद फिर से अनट्रेस रिपोर्ट दाखिल कर दी गई।
अब क्या होगा?
इस बार रेलवे प्रशासन भगदड़ मामले में उच्च स्तरीय जांच कर रहा है। पुलिस की कार्रवाई अभी रुकी हुई है क्योंकि रेलवे की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। रेलवे ने संकेत दिए हैं कि लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और सिर्फ तबादला करके उन्हें नहीं छोड़ा जाएगा।
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