बटलर पैलेस को ‘बुक कैफे’ बनाने की प्रक्रिया शुरू, योगी सरकार इसे बनाएगी सांस्कृतिक केंद्र
बटलर पैलेस का कायाकल्प: योगी सरकार इसे बुक कैफे और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में करेगी विकसित

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण और उनके आधुनिक उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में लगातार काम कर रही है। इसी क्रम में अब लखनऊ के बटलर पैलेस का कायाकल्प किया जा रहा है। इसे बुक कैफे और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना शुरू की गई है। इस परियोजना को लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत पूरा करेगा, जिसमें पैलेस की ऐतिहासिक संरचना को बनाए रखते हुए आधुनिक सुविधाएं जोड़ी जाएंगी।
बटलर पैलेस: ऐतिहासिक धरोहर का नया स्वरूप
1915 में रखी गई थी नींव
बटलर पैलेस का निर्माण 1915 में हुआ था, जब राजा महमूदाबाद ने इसे अवध के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर सर स्पेंसर हारकोर्ट बटलर की स्मृति में बनवाया था। यह महल ब्रिटिश कालीन स्थापत्य कला का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, जिसे अब नए उद्देश्य के साथ पुनर्जीवित किया जा रहा है।
संरचना होगी संरक्षित, मिलेगा नया उपयोग
योगी सरकार के विजन के तहत, बटलर पैलेस की मूल ऐतिहासिक संरचना को संरक्षित रखते हुए इसे एक आधुनिक बुक कैफे और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में तैयार किया जाएगा। यह स्थान सिर्फ किताबों के पढ़ने और कैफे के रूप में ही नहीं, बल्कि विभिन्न प्रकार की संस्कृति-संबंधी गतिविधियों, प्रदर्शनियों, कार्यशालाओं और कला प्रेमियों के लिए एक मंच के रूप में भी काम करेगा।
बुक कैफे और सांस्कृतिक केंद्र में क्या होगा खास?
बटलर पैलेस के इस मेकओवर में कई नई चीजें जोड़ी जाएंगी, जिनमें शामिल हैं:
बुक कैफे: यहाँ अध्ययन सामग्री के साथ-साथ स्नैक्स और पेय पदार्थ भी उपलब्ध होंगे।
प्रदर्शनियां: ऐतिहासिक, साहित्यिक और कला से जुड़ी प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा।
वर्कशॉप्स और आर्ट गैलरी: युवा कलाकारों और शोधकर्ताओं के लिए कार्यशालाएं एवं कला प्रदर्शनियां होंगी।
लाइट एंड साउंड शो: लखनऊ के इतिहास और महल से जुड़ी कहानियों को दिखाने के लिए विशेष लाइट एंड साउंड शो आयोजित किए जाएंगे।
फ़िल्म स्क्रीनिंग और सांस्कृतिक कार्यक्रम: ऐतिहासिक फिल्मों, डॉक्यूमेंट्रीज और साहित्यिक चर्चाओं के लिए विशेष जगह होगी।
स्थानीय शिल्प मेले: स्थानीय कलाकारों और कारीगरों को बढ़ावा देने के लिए हैंडीक्राफ्ट्स और उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
कोचिंग संस्थानों का सहयोग: छात्रों और प्रतियोगी परीक्षा देने वालों के लिए भी यह स्थान उपयोगी होगा, जहां वे अध्ययन और चर्चा कर सकेंगे।
मार्च 2025 तक पूरा होगा कार्य
इस परियोजना को एक साल के भीतर यानी मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत निम्नलिखित कार्य किए जाएंगे:
साइट क्लीयरेंस और मरम्मत
संरचनात्मक मजबूतीकरण और बाहरी सौंदर्यीकरण
बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे लाइटिंग, वाई-फाई और सुरक्षा प्रबंधन
बुक कैफे और सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण और संचालन
लखनऊ की विरासत को संजोने की पहल
इस परियोजना का उद्देश्य केवल एक बुक कैफे बनाना ही नहीं, बल्कि लखनऊ की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को जीवंत रखना भी है। बटलर पैलेस, जो अब तक इतिहास का एक हिस्सा मात्र था, अब एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में न केवल स्थानीय लोगों बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।
एलडीए के अधिकारियों के अनुसार, इस पहल से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और लखनऊ के ऐतिहासिक स्थलों को एक नया आयाम मिलेगा। यह पहल उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी, जो इतिहास, संस्कृति, कला और अध्ययन में रुचि रखते हैं।
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