
नागपुर – महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को औरंगजेब की कब्र के विरोध में एक संगठन के प्रदर्शन के बाद दो गुटों के बीच हिंसा भड़क उठी। नागपुर के महल इलाके में दोनों ओर से पथराव हुआ और कई वाहनों में आग लगा दी गई। पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने और लाठीचार्ज करना पड़ा। इस हिंसा में एक पुलिसकर्मी समेत चार लोग घायल हो गए।
हिंसा की शुरुआत कैसे हुई?
महल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के पास बजरंग दल के सदस्यों ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान एक अफवाह फैली कि आंदोलन के दौरान धार्मिक पुस्तक को जलाया गया है, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। सोशल मीडिया पर इस प्रदर्शन का वीडियो वायरल होने के बाद मुस्लिम समुदाय में आक्रोश फैल गया और बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए।
पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए, लेकिन शाम होते-होते हालात बिगड़ गए। दोनों गुटों के बीच पथराव शुरू हो गया और आगजनी की घटनाएं भी सामने आईं। हिंसा चिटनिस पार्क, कोतवाली और गणेशपेठ तक फैल गई, जहां चार पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और कई घरों पर भी पत्थरबाजी हुई।
स्थिति नियंत्रण में: पुलिस
डीसीपी अर्चित चांडक ने बताया कि यह हिंसा कुछ गलतफहमी के कारण हुई थी और फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे घरों से बाहर न निकलें और पथराव न करें। उन्होंने बताया कि पथराव में पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं और वाहनों को जलाने की घटनाएं हुई हैं, लेकिन स्थिति अब शांत है।
फडणवीस और गडकरी की शांति की अपील
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर के नागरिकों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और पुलिस प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि नागपुर हमेशा से शांति और सौहार्द का प्रतीक रहा है और इस परंपरा को बनाए रखना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री और नागपुर के सांसद नितिन गडकरी ने भी शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि सरकार उन सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी जो इस हिंसा में शामिल हैं।
नागरिकों से पुलिस की अपील
पुलिस कमिश्नर डॉ. रविंदर सिंघल ने बताया कि नागपुर में धारा 144 लागू कर दी गई है और लोगों को अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है।
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