बाराबंकी की बेटी और कानपुर के क्रांतिकारी परिवार की बहू ने थामा एनसीपी का दामन, लखनऊ पश्चिम से चुनाव लड़ने की अटकलें
कामिनी शर्मा बनीं एनसीपी की प्रदेश महासचिव, समाजसेवा से राजनीति तक का सफर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया नाम तेजी से उभर रहा है — कामिनी शर्मा, जिन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सदस्यता लेकर प्रदेश महासचिव का पदभार संभाल लिया है। लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष हरिश्चंद्र सिंह और राष्ट्रीय सचिव धनंजय शर्मा ने उन्हें सदस्यता दिलाई।
कामिनी ने इस अवसर पर कहा,
“पार्टी ने जो विश्वास मुझ पर जताया है, मैं उसे पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाऊंगी।”
👩🦱 कौन हैं कामिनी शर्मा?
कामिनी शर्मा का जन्म बाराबंकी के नसीपुर गांव में हुआ। बचपन से ही उनका पालन-पोषण राजनीतिक माहौल में हुआ। आपातकाल के दौरान उनके घर में जार्ज फर्नांडीज और शरद यादव जैसे नेताओं ने शरण ली थी।
उनकी शादी कानपुर के क्रांतिकारी राम किशोर शर्मा के परिवार में हुई, जिनके पिता पंडित देवी प्रसाद शर्मा ने जीवन भर समाजसेवा को अपना मिशन बनाया। उनके चाचा ससुर हरि किशोर, जनसंघ के समय से सक्रिय राजनीति में रहे और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया।
❤️ समाजसेवा का मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड
कामिनी शर्मा का समाजसेवा में विशेष योगदान रहा है:
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कोरोना महामारी के दौरान 28 परिवारों की मदद (राशन व दवा)
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अब तक 35 गरीब बेटियों की शादी में सहयोग
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जाति, धर्म से ऊपर उठकर हर ज़रूरतमंद की सहायता
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अपने पति व बहू सीमा के साथ मिलकर पंडित देवी प्रसाद शर्मा की विरासत को आगे बढ़ा रही हैं
🗳️ राजनीतिक असर और भविष्य की तैयारी
कामिनी के एनसीपी में आने से पार्टी को कानपुर से ललितपुर तक जबरदस्त जनाधार मिलने की उम्मीद है। उनके परिवार का इस क्षेत्र में काफी सम्मान है। चर्चा है कि वे लखनऊ पश्चिम विधानसभा सीट से आगामी चुनाव लड़ सकती हैं।
📌 निष्कर्ष:
कामिनी शर्मा के राजनीति में सक्रिय रूप से उतरने से एनसीपी को उत्तर प्रदेश में एक नया चेहरा और मजबूत आधार मिला है। उनका समाजसेवा से राजनीति की ओर बढ़ता कदम यह दर्शाता है कि नई राजनीति अब ज़मीन से जुड़ी और जनहित केंद्रित हो रही है।
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