Sambhal News: शाही मस्जिद का बदला नाम, अब जामा की जगह जुमा लिखा जाएगा, एएसआई ने तैयार करवाया नया बोर्ड
498 साल पुरानी शाही जामा मस्जिद को ASI ने दी नई पहचान, नीले बोर्ड पर "जुमा मस्जिद" अंकित

उत्तर प्रदेश : के संभल जिले में स्थित ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद का नाम अब बदलकर “जुमा मस्जिद” कर दिया गया है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने इस संरक्षित स्मारक की पहचान स्पष्ट करने के लिए नया नीले रंग का बोर्ड तैयार किया है, जो जल्द ही मस्जिद परिसर के बाहर लगाया जाएगा।
📍 ASI की निगरानी में आएगा पूरा परिसर
ASI अधिकारियों के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य स्मारक की ऐतिहासिक पहचान को प्रमाणित और पारदर्शी बनाना है।
नया बोर्ड वर्तमान में मस्जिद के पास स्थित पुलिस चौकी में रखा गया है। इस पर लिखा है:
“भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संरक्षित स्मारक, जुमा मस्जिद, संभल।”
🕋 498 साल पुरानी धरोहर
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यह मस्जिद 1526 में मीर बेग द्वारा बाबर के आदेश पर बनवाई गई थी।
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बाबर ने उस समय हुमायूं को संभल की जागीर दी थी, जिसके चलते इस क्षेत्र का ऐतिहासिक महत्व और बढ़ जाता है।
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बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी जैसे ऐतिहासिक ग्रंथों में इस मस्जिद का उल्लेख मिलता है।
🙏 हिंदू पक्ष की आपत्ति और धार्मिक संदर्भ
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हिंदू पक्ष का दावा है कि यहां एक प्राचीन मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया था।
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स्कंद पुराण के अनुसार, भगवान कल्कि का अवतार संभल में होगा।
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1913 के मंडलीय गजेटियर में इस क्षेत्र में भगवान विष्णु के प्रसिद्ध मंदिर होने का भी उल्लेख है, जिसे अब अस्तित्वहीन बताया गया है।
📢 क्या है एएसआई बोर्ड का महत्व?
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नीले रंग का यह बोर्ड ASI द्वारा संरक्षित स्मारकों की पहचान का प्रतीक है।
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इससे आम जनता को यह जानकारी मिलती है कि स्थल पुरातात्विक रूप से महत्वपूर्ण है और किसी भी कार्य के लिए ASI की अनुमति जरूरी है।
🔚 निष्कर्ष:
संभल की ऐतिहासिक जामा मस्जिद को अब “जुमा मस्जिद” के नाम से जाना जाएगा। यह कदम ना सिर्फ एएसआई की पारदर्शिता और निगरानी को दर्शाता है, बल्कि स्मारक के इतिहास को सहेजने का प्रयास भी है।
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