उत्तर प्रदेश

30 अप्रैल को राम दरबार की होगी स्थापना, जून में रामलला मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा | जानें पूरी तैयारी और शेड्यूल

राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार समेत कुल 18 मूर्तियों की स्थापना का कार्य अंतिम चरण में | योगी सरकार की देखरेख में निर्माण कार्य तेज़ी से आगे बढ़ रहा

अयोध्या : में राम मंदिर का निर्माण कार्य अपनी तेज़ रफ्तार से अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी दी कि 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर प्रथम मंजिल के गर्भगृह में राम दरबार की स्थापना की जाएगी। यह कार्यक्रम राम मंदिर के ऐतिहासिक निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा।


🙏 राम दरबार समेत 18 मूर्तियों की स्थापना

चंपत राय ने बताया कि कुल 18 मूर्तियों को मंदिर के विभिन्न हिस्सों में स्थापित किया जाएगा। इनमें शामिल हैं:

  • राम दरबार: राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान जी

  • छह प्रमुख मंदिर: सूर्य देव, भगवती, अन्नपूर्णा, शिवलिंग, गणपति और हनुमान

  • शेषावतार मंदिर: लक्ष्मण जी की मूर्ति

  • सप्त मंडप: महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषाद राज, शबरी और अहिल्या

ये सभी प्रतिमाएं सफेद मकराना मार्बल से बनी हैं और इनका निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। मूर्तियों के श्रृंगार, वस्त्र और आभूषणों की तैयारियां भी अंतिम चरण में हैं।


🚚 15 अप्रैल से मूर्तियों का अयोध्या आगमन शुरू

जयपुर से 15 अप्रैल के बाद मूर्तियों को अयोध्या लाया जाएगा। जैसे-जैसे मूर्तियां पहुंचेंगी, उन्हें निर्धारित स्थानों पर स्थापित किया जाएगा। प्रतिष्ठा कार्य का संचालन लार्सन एंड टुब्रो द्वारा किया जाएगा।


🛕 जून में होगा तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह

मूर्ति स्थापना के बाद जून महीने में एक विशाल तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जाएगा। इसमें शामिल होंगे:

  • जलवास

  • अन्नवास

  • औषधिवास

  • शैय्यावास

इस दौरान ट्रस्ट के सभी सदस्य और विशेष अतिथिगण मौजूद रहेंगे।


🏗️ राम मंदिर का निर्माण कार्य अक्टूबर 2025 तक होगा पूरा

  • शेषावतार मंदिर का निर्माण बाद में शुरू होगा, जब आंतरिक टावर क्रेन हटा दिए जाएंगे।

  • इसके बाद परकोटा के उत्तर और दक्षिण हिस्से का कार्य शुरू होगा।

  • मंदिर का पूरा निर्माण कार्य अक्टूबर 2025 तक पूरा होने की संभावना है।


🚪 चार द्वार, चार परंपराएं: भारत की आध्यात्मिक एकता का प्रतीक

राम मंदिर में बनाए जा रहे चार प्रवेश द्वारों के नाम महान आचार्यों की परंपरा पर रखे जाएंगे:

  • रामानुजाचार्य द्वार

  • शंकराचार्य द्वार

  • माधवाचार्य द्वार

  • रामानंदाचार्य द्वार

यह भारत की विविध आध्यात्मिक परंपराओं को एक मंच पर जोड़ने का प्रतीक होगा।


🗿 विशेष मूर्तियां: तुलसीदास, गिलहरी और पुरंदर दास की प्रतिमाएं भी शामिल

  • तुलसीदास जी की मूर्ति पहले ही यात्री सुविधा केंद्र में स्थापित की जा चुकी है।

  • प्रयागराज से पुरंदर दास और गिलहरी की मूर्तियां भी मंदिर परिसर में स्थापित की जाएंगी।


🌍 अयोध्या को मिल रही नई पहचान

योगी सरकार की सक्रिय भागीदारी से यह परियोजना केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बन चुकी है। सरकार का उद्देश्य है कि राम मंदिर भारत की एकता, श्रद्धा और संस्कृति का प्रतीक बने।

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