काशी मेरी है और मैं काशी का हूं: वाराणसी में बोले प्रधानमंत्री मोदी, 3900 करोड़ की 44 परियोजनाओं का लोकार्पण
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "काशी की आत्मा में भारत की विविधता बसती है।" वाराणसी में उन्होंने 3900 करोड़ की परियोजनाओं का किया शिलान्यास और लोकार्पण, साथ ही काशी के लोगों से भावुक संवाद किया।

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे और यहां 3900 करोड़ रुपये की 44 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। मेहंदीगंज में आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने काशी से अपने गहरे संबंध को भावुक शब्दों में दोहराया—“मैं काशी का हूं और काशी मेरी है।”
काशी अब केवल संभावना नहीं, सिद्धियों की धरती है
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब केवल संभावनाओं की नहीं, बल्कि सामर्थ्य और सिद्धियों की संकल्प भूमि बन चुका है। काशी को भारत की आत्मा बताते हुए उन्होंने कहा कि यह शहर विकास और विरासत का एक अद्वितीय संगम बन चुका है।
44 परियोजनाओं से पूर्वांचल को नई रफ्तार
इस दौरे में जिन परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ, उनमें प्रमुख हैं:
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लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट का विस्तार
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भिखारीपुर और मंडुआडीह फ्लाईओवर
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बनारस-सारनाथ को जोड़ने वाला नया पुल
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गांव-गांव नल से जल योजनाएं
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शिक्षा और स्वास्थ्य केंद्रों का विस्तार
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खेल परिसरों और स्टेडियम का निर्माण
प्रधानमंत्री ने कहा, “जब काशी में विकास होता है, तो उसका लाभ पूरे पूर्वांचल को मिलता है।”
‘अब इलाज के लिए न जमीन बिकेगी, न कर्ज लेना पड़ेगा’
प्रधानमंत्री ने आयुष्मान वय वंदना योजना के लाभार्थियों को कार्ड वितरित किए और कहा कि अब बुजुर्गों को इलाज के लिए न जमीन बेचनी पड़ेगी, न कर्ज लेना होगा। सरकार 70 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का पूरा इलाज मुफ्त कराएगी।
काशी की कला को मिली वैश्विक पहचान
मोदी ने काशी के कलाकारों और कारीगरों को GI टैग पंजीकरण प्रमाणपत्र सौंपे। उन्होंने कहा,
“GI टैग केवल प्रमाणपत्र नहीं, बल्कि हमारी मिट्टी की पहचान का पासपोर्ट है।”
काशी के तबला, शहनाई, लाल मिर्च, ठंडई और तिरंगा बर्फी जैसे उत्पाद अब वैश्विक बाजार में पहुंच बना रहे हैं।
भारत बना दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश
बनास डेयरी के पशुपालकों को 106 करोड़ रुपये की बोनस राशि हस्तांतरित करते हुए पीएम ने कहा कि यह उनकी मेहनत और तपस्या का फल है। उन्होंने बताया कि भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बन चुका है, और इसमें महिलाओं की भागीदारी प्रशंसनीय है।
पूर्वांचल के युवाओं को ओलंपिक की तैयारी का आह्वान
प्रधानमंत्री ने युवाओं से 2036 ओलंपिक की तैयारी शुरू करने का आह्वान किया और कहा कि काशी में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है।
काशी—विकास और विरासत का जीवंत प्रतीक
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो काशी को सहेजता है, वह भारत की आत्मा को सहेजता है। उन्होंने प्रस्तावित ‘एकता मॉल’ की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें भारत के हर जिले के उत्पाद एक ही छत के नीचे मिलेंगे।
“काशी अब केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक जागरण का केंद्र बन रही है।”
Conclusion (निष्कर्ष):
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी दौरा केवल विकास की घोषणाओं तक सीमित नहीं था, बल्कि यह काशी से उनके गहरे आत्मिक संबंध का प्रतीक था। विकास, विरासत और विविधता के साथ भारत की आत्मा को संजोने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
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