वक्फ कानून का विरोध, मुर्शिदाबाद में 3 की मौत:भीड़ ने आज पिता-बेटे को पीट-पीटकर मारा; अब तक 118 गिरफ्तार, इंटरनेट बंद
धुलियान में उग्र भीड़ ने पिता-पुत्र की पीट-पीटकर हत्या की, AIMPLB के आंदोलन से भड़के हालात

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन कानून के विरोध ने हिंसक रूप ले लिया है। धुलियान के शमशेरगंज ब्लॉक में शनिवार को प्रदर्शन कर रही भीड़ ने हरगोविंद दास और उनके बेटे चंदन दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी। दोनों देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाकर जीवनयापन करते थे।
वहीं, शुक्रवार को घायल एक व्यक्ति की भी अस्पताल में मौत हो गई, जिससे मरने वालों की संख्या तीन हो गई है।
जिले के कई इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद, धारा 144 लागू और अब तक 118 गिरफ्तारियां हुई हैं।
कैसे भड़की हिंसा?
-
11 अप्रैल को धुलियान में शुरू हुए प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति घायल हुआ था, जिसने 12 अप्रैल को दम तोड़ दिया।
-
शनिवार को भीड़ उग्र हुई और धार्मिक मूर्तियों से जुड़े व्यवसाय करने वाले हरगोविंद दास और चंदन दास को निशाना बनाया गया।
-
एक अन्य व्यक्ति गोली लगने से घायल हुआ, लेकिन वह खतरे से बाहर है।
सरकार और पुलिस की कार्रवाई
-
ADG लॉ एंड ऑर्डर जावेद शमीम ने बताया कि पुलिस की ओर से गोली नहीं चलाई गई, BSF की भूमिका की जांच की जा रही है।
-
118 आरोपी गिरफ्तार, हिंसा में शामिल कई लोगों की पहचान CCTV और वीडियो फुटेज से की जा रही है।
-
BSF और RAF की टीमें संवेदनशील इलाकों में तैनात हैं।
ममता बनर्जी का बयान: “राज्य में लागू नहीं होगा वक्फ कानून”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बयान जारी कर कहा:
“वक्फ कानून राज्य सरकार ने नहीं, केंद्र ने बनाया है। हम इसे राज्य में लागू नहीं करेंगे। मैं सभी से अपील करती हूं कि दंगा न करें, सबकी जान कीमती है।”
AIMPLB का आंदोलन और रणनीति
-
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ कानून को धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ बताते हुए देशभर में 87 दिन का प्रदर्शन अभियान शुरू किया है।
-
1 करोड़ हस्ताक्षर एकत्रित कर PM को भेजे जाएंगे।
-
AIMPLB इसे “वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ” आंदोलन का नाम दे रही है।
-
शाह बानो केस की तरह देशव्यापी जन आंदोलन की तैयारी की जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 16 अप्रैल को
वक्फ कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 17 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई हैं, जिनमें से 10 पर 16 अप्रैल को CJI संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी।
राजनीतिक प्रतिक्रिया: विपक्ष ने कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
-
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने केंद्र के गृहमंत्री अमित शाह से बात की और राज्य सरकार को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
-
शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “राज्य सरकार असफल हो चुकी है। कट्टरपंथी खुलेआम संविधान के खिलाफ हिंसा कर रहे हैं।”
पृष्ठभूमि: क्या है वक्फ संशोधन कानून?
-
2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा से यह बिल पास हुआ।
-
5 अप्रैल को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया।
-
कानून के तहत वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण, पारदर्शिता और अतिक्रमण रोकने का प्रावधान है।
-
विरोधियों का कहना है कि यह कानून शरीयत और धार्मिक आज़ादी के विरुद्ध है।
निष्कर्ष:
मुर्शिदाबाद हिंसा ने एक बार फिर दिखाया है कि धार्मिक संवेदनाओं और कानून के टकराव में किस तरह आम नागरिकों की जान जोखिम में पड़ती है।
सरकार, प्रशासन और समाज को मिलकर ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर संवाद, संयम और संवेदना से काम लेना होगा, ताकि लोकतंत्र की नींव मजबूत बनी रहे।
इसे भी पढ़े:- डबल इंजन सरकार के आठ वर्ष पूरे होने पर तीन दिवसीय विकास उत्सव का शुभारंभ