गोंडा में फिर बदला मौसम, बारिश और ओलों से गेहूं की फसल हुई तबाह, किसानों में निराशा
गोंडा में बारिश और ओलों से फिर भीगीं फसलें, किसानों की उम्मीदों पर पानी फिरा | छह गांवों में अब भी बिजली संकट

गोंडा : जिले के किसानों के लिए मौसम एक बार फिर आफत बनकर आया है। शनिवार दोपहर को हुई हल्की बारिश और ओलावृष्टि ने कई किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। लोहंगपुर शिवनाथ पुरवा निवासी सलमान और पथवलिया निवासी त्रिलोकी जैसे कई किसान अब चिंता में डूबे हैं, जिनकी तैयार गेहूं की फसल अब भीगने के बाद खराब होने की कगार पर है।
धूप के बाद फिर बारिश ने मचाई तबाही
पिछले हफ्ते बुधवार रात से मौसम ने करवट लेनी शुरू की थी। बृहस्पतिवार को बारिश ने कटी फसलों को खेतों में भिगो दिया था। शुक्रवार को जब धूप निकली, तो किसानों ने राहत की सांस ली और फसलें सुखाने के लिए उलट-पलट दीं। लेकिन शनिवार दोपहर मौसम ने फिर धोखा दे दिया। एकाएक बारिश और ओले गिरने से फसलें फिर भीग गईं।
प्यौली पूरे बिलंद निवासी किसान दिनेश सिंह बताते हैं, “काफी मेहनत के बाद फसल तैयार हुई थी। शुक्रवार की धूप में थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन शनिवार की बारिश ने फिर चिंता बढ़ा दी।”
ओले भले छोटे, चिंता बड़ी
पसका क्षेत्र में गिरे ओलों का आकार भले ही छोटा रहा, मगर किसानों की उम्मीदों पर वह भारी पड़ गए। तैयार गेहूं, सरसों और अरहर की फसलें अब बार-बार भीगने के कारण सड़ने और अंकुरित होने की स्थिति में आ गई हैं। मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को भी 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और बारिश के आसार हैं, जिससे किसानों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
आपदा विशेषज्ञ की चेतावनी
आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि “किसानों को अब विशेष सावधानी बरतनी होगी। बारिश की संभावना रविवार को भी बनी रहेगी, ऐसे में भीगी फसलों को सहेजने की पूरी कोशिश करें और जहां तक हो सके, फसलों को ढक कर रखें।”
छह गांवों में बिजली संकट, 3000 लोग परेशान
मौसम की मार सिर्फ फसलों तक सीमित नहीं रही। कटरा बाजार उपकेंद्र के दुबहा फीडर से जुड़े भदैंया, परसौनी पुरवा, टेपरा, मिश्रन पुरवा सहित छह गांवों में बिजली की आपूर्ति अब तक बहाल नहीं हो सकी है।
भदैंया के प्रधान प्रतिनिधि विश्राम सागर गोस्वामी ने बताया कि चार दिन से बिजली न आने के कारण हजारों लोग उमस भरी गर्मी में परेशान हैं। जेई ग्रामीण आदर्श ओझा के अनुसार, “आंधी के चलते हाईटेंशन तार ढीले हो गए हैं और पोल की दूरी ज्यादा होने से फाल्ट ठीक करने में समय लग रहा है।”
निष्कर्ष: किसानों पर दोहरी मार, प्रशासन से राहत की उम्मीद
बारिश और ओलावृष्टि ने एक बार फिर गोंडा जिले के किसानों को आर्थिक और मानसिक रूप से झटका दिया है। कड़ी मेहनत से तैयार फसलें बार-बार की बारिश में बर्बाद होती जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर बिजली संकट ने ग्रामीणों का जीवन कठिन बना दिया है। अब किसान और ग्रामीण प्रशासन से राहत की उम्मीद कर रहे हैं।
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