प्रकाश सिंह
UP News: गलती सरकारी अधिकारी व कर्मचारी करते हैं, फजीहत सरकार की होती है। भ्रष्टाचार को लेकर नेताओं को अक्सर गाली पड़ती है, जबकि नेताओं से ज्यादा भ्रष्ट नौकरशाही है। नेताओं की सिफारिश करने से काम हो जाते हैं, जबकि सरकारी कर्मचारी व अधिकारी बिना रिश्वत के सुनवाई तक नहीं करते।
यूपी इंवेस्टर्स समिट को लेकर जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार की चर्चा हो रही है। वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की नौकरशाही का हैरतंगेज मामला सामने आया है। उत्तर प्रदेश की तरफ से हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) का डेथ साटिफिकेट जारी कर दिया गया है। भारत सरकार की वेबसाइट crsorgi.gov.in पर भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) का डेथ सर्टिफिकेट उपलब्ध है। गौरतलब है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal Khattar) का मृत्यु प्रमाण पत्र दो फरवरी, 2023 को हुआ जारी हुआ है। मृत्य प्रमाण पत्र के आधार पर 5 मई, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की मौत हो चुकी है। जबकि सच पूरे देश को पता है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री जिंदा हैं और सरकार चला रहे हैं। मनोहर लाल खट्टर का मृत्य प्रमाण पत्र जारी कर उत्तर प्रदेश की नौकरशाही ने अपनी लापरवाही व नकारेपन की पोल खोल दी है।
मजे की बात यह है कि एक तरफ जहां मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए लोग सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ जिंदा लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिए जा रहे हैं। बता दें कि ऐसे ही अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा आम जनता भुगतने के अभिशप्त है। सरकारी योजनाओं में धांधली की बात आम हो चुकी है। हर इंसान को पता है कि बिना रिश्वत के किसी भी सरकारी योजना का लाभ मिल पाना संभव नहीं है। शायद यही वजह है कि हर सरकारी योजना भ्रष्टाचार की शिकार है। किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री आवास योजना में भी भ्रष्टाचार की बात सामने आ चुकी है। इसमें कई लाभार्थियों पर कार्रवाई भी हो चुकी है। जबकि रिश्वत लेकर अपात्रों को पात्र बनाने वाले अधिकारी व कर्मचारी कार्रवाई से बच जाते हैं।
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