Lok Sabha Elections 2024: राहुल गांधी के बयान पर अखिलेश यादव ने कसा तंज, बढ़ी तकरार
सपा कांग्रेस की राहें हो रही जुदा
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले यूपी में ‘इंडिया’ गठबंधन (I.N.D.I.A) टूटने की कगार पर पहुंच चुका है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में जारी तकरार अब गठबंधन टूटने के आखिरी दौर में पहुंच चुका है। कांग्रेस से मध्य प्रदेश में मिली खीज का बदला अब सपा अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) उत्तर प्रदेश में लेने का पूरा मन बना चुके हैं। अखिलेश यादव के बदले तेवर से साफ हो चुका है इंडिया गठबंधन के घटक दल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की राहें लोकसभा चुनाव से पहले ही जुदा हो चुकी हैं। फिलहाल कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में अच्छा जन समर्थन मिलता नजर आ रहा है। सपा से नाराज नेता कांग्रेस (Congress) में अपना नया ठिकाना खोज रहे है। वहीं कांग्रेस मध्य प्रदेश के बाद यूपी में भी सपा को भाव देने के मूड में नजर नहीं आ रही है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जातीय जनगणना को लेकर इस बार सीधा राहुल गांधी को निशाने पर लिया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस की तरफ से जातीय जनगणना (Caste Census) की मांग करना ‘चमत्कार’ की तरह है। कांग्रेस जब सत्ता में थी तब तो जातीय जनगणना कराई नहीं और अब जब बीमारी बढ़ गई है और एमआरआई और सीटी स्कैन की जरूरत है, तो एक्सरे की बात की जा रही है। बता दें कि राहुल गांधी तेलंगाना की एक रैली में जाति जनगणना को सबसे बड़ा मुद्दा बताते हुए इसे देश का एक्स-रे बताया था। उन्होंने दलितों, आदिवासियों और ओबीसी का राग अलापते हुए कहा था कि इससे वास्तविक स्थिति का पता चलेगा। कांग्रेस नेता के इस बयान पर जब अखिलेश यादव से सवाल किया गया, तो उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि अब बीमारी बढ़ गई है। अब एक्सरे नहीं, सीटी स्कैन और एमआरआई की आवश्यकता है।
जातीय जनगणनाका दिया भरोसा
अखिलेश यादव ने कांग्रेस सरकार की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जिस समय एक्सरे होना था, वो एक्सरे का समय था, आज सीटी स्कैन है, एमआरआई मशीन है। बीमारी काफी बढ़ गई है। सही समय पर समस्या का समाधान हो गया होता, तो खाई इतनी बड़ी नहीं होती कि पांच पर्सेंट लोगों के पास 60 पर्सेंट भारत की संपत्ति चली गई। इसका जिम्मेदार कौन है, इसे किसने किया? यह सब पुरानी सरकारों की गलत नीतियों के चलते हुआ। जब एक्सरे करना था तब किया नहीं, अब बीमारी बड़ी हो गई है। अब एमआरआई, सीटी स्कैन की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि जब कभी भी समाजवादियों को मौका मिलेगा, सबसे पहले जातीय जनगणना कराई जाएगी।