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Gonda/ Paraspur News: लो वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे कई गांव

प्रकाश सिंह 

Gonda/ Paraspur News: जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर दूर परसपुर ब्लॉक अंतर्गत आने वाले उपभोक्ताओं की लो वोल्टेज विद्युत आपूर्ति ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। नगर का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है, जो इस संकट से न जूझ रहा हो। हालत यह है कि बिजली आपूर्ति रहने के दौरान भी उसका पूरा लाभ उपभोक्ताओं को नहीं मिल पा रहा है। इससे न सिर्फ घरेलू उपभोक्ता जूझ रहे हैं, वरन विभिन्न प्रतिष्ठानों पर भी गतिरोध उत्पन्न हो रहा है।

उपभोक्ताओं के अनुसार लो वोल्टेज के चलते बिजली रहने पर भी अकसर बल्ब नहीं जल पाते तो वहीं पंखा व कूलर इतने धीरे धीरे चलते हैं कि उससे पर्याप्त हवा नहीं मिल पा रही है। मोटर आदि न चल पाने के कारण पेयजल का संकट अलग से गहरा रहा है। रिकॉर्ड विद्युत कटौती व व्यवधान के बीच लो वोल्टेज का संकट उपभोक्ताओं को दोहरी चोट पहुंचा रहा है। उपभोक्ताओं ने लगातार कटौती व लो वोल्टेज की स्थिति पर कड़ी नाराजगी जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। कहा कि यदि जल्द ही उपकेंद्रों की मरम्मत कराकर ट्रांसफार्मरों की क्षमता न बढ़ाई गई तो वे कलेक्ट्रेट के निकट प्रदर्शन करेंगे।

परसपुर क्षेत्र के उपभोक्ता विद्युत आपूर्ति के जबरदस्त संकट से घिरे हुए हैं। प्रतिदिन घंटों की बिजली कटौती व व्यवधान के दौर से उपभोक्ताओं को जूझना पड़ रहा है। यूं तो जिला मुख्यालय को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति का शेड्यूल है, लेकिन ज्यादातर क्षेत्रों में 12 से 15 घंटे ही बिजली मिल पा रही है।

कई बार हालात ऐसे हो रहे हैं कि परसपुर टाउन उपकेंद्र से अलग-अलग फीडर को जितनी बिजली दी जा रही हैं, वह भी सभी उपभोक्ताओं को नहीं मिल पा रही। ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार संबंधित फीडर से जुड़ा कोई न कोई ट्रांसफार्मर जवाब दे जाता है। इसके चलते संबंधित उपभोक्ता विद्युत आपूर्ति से वंचित रह जाते हैं। हालांकि इसके बावजूद संबंधित फीडर को पूरी बिजली मिलने का ब्यौरा उपकेंद्र पर दर्ज रहता है। कागजी आंकड़ों में भी फिलहाल उपकेंद्रों से अलग-अलग फीडरों को दी जाने वाली बिजली का हाल सही नहीं है। 24 घंटे की आपूर्ति का रोस्टर लागू नहीं हो पा रहा हैं। इसे लेकर उपभोक्ता परेशान हैं।

इस बीच कटौती व व्यवधान के साथ-साथ उपभोक्ताओं को लो वोल्टेज के संकट से भी जूझना पड़ रहा है। वोल्टेज का संकट इतना ज्यादा है कि दिन हो या रात किसी भी समय कूलर व पंखे अपनी क्षमता के अनुरूप ज्यादातर क्षेत्रों में नहीं चल पा रहे हैं। ऐसे में बिजली रहने के बाद भी इन उपकरणों का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं मिल रहा है। पंखा चल पाना तो तमाम क्षेत्रों में और भी कठिन हो गया है।

उपभोक्ताओं के अनुसार वोल्टेज इतना कम रहता है कि स्टेबलाइजर भी अपना योगदान नहीं दे पा रहा है। इसके कारण न तो घरों में लगे इनवर्टर चार्ज हो रहे और न ही विद्युत उपकरणों का लाभ मिल पा रहा है। भीषण गर्मी में मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं। उपभोक्ताओं ने कहा कि परसपुर उपकेंद्र में मरम्मत की तत्काल जरूरत है। इस तरफ ध्यान न देने का खामियाजा ही उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। उपभोक्ताओं ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अब हालत अत्यंत खराब है। यदि जल्द ही सुधार न हुआ तो आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। उपभोक्ताओं के अनुसार बिजली रहने पर भी चलाना पड़ता है जेनरेटर

परसपुर के विशुनपुर कला निवासियों ने कहा कि लो वोल्टेज विद्युत आपूर्ति ने पिछले कई दिनों से परेशान कर रखा है। बिजली रहने के बाद भी जेनरेटर चलाने की विवशता बनी रहती है। अहेठ निवासी मनोज सिंह ने कहा कि गर्मी के चलते हाल बेहाल है। अनियमित कटौती के साथ-साथ वोल्टेज इतना कम रहता है कि दिन व रात मिलाकर बमुश्किल तीन से चार घंटे ही पंखा चल पाता है। कूलर तो इस तरह चलते हैं कि उनसे हवा ही नहीं मिल पाती। परसपुर मार्ग निवासी वरिष्ठ व्यापारी ने लो वोल्टेज संकट के लिए विद्युत विभाग के मनमाने रवैये को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने से लेकर उपकेंद्रों की मरम्मत तथा जर्जर तारों को बदलने में विभाग की रुचि नहीं रह गई है। इसी का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।

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